नई दिल्ली, 27 अक्टूबर । दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सियासत जारी है। एक तरफ दिल्ली सरकार का कहना है कि पड़ोसी राज्यों से आ रहा प्रदूषण दिल्ली की समस्या को बढ़ा रहा है। दूसरी तरफ, भाजपा इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है। इस पूरे मामले पर कांग्रेस के सचिव आलोक शर्मा ने अपनी बातें रखी।
आलोक शर्मा ने कहा कि पिछले पंद्रह वर्षों से निगम में भाजपा काबिज रही है और केंद्र में भी उनका शासन है। वहीं, पिछले दस वर्षों से आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार दिल्ली में सत्ता में हैं। इन दोनों पार्टियों की एजेंसियों एनडीएमसी, निगम ने एक-दूसरे पर आरोप लगाने का काम किया है, लेकिन असल समस्या का समाधान नहीं किया। अगर प्रदूषण की समस्या को समझना है, तो यह जानना होगा कि यह किस राज्य से आ रहा है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या किसी ने कभी यह अध्ययन कराया है कि प्रदूषण पंजाब से आ रहा है और वह कुरुक्षेत्र और करनाल में नहीं आता, सीधे दिल्ली में ही पहुंचता है? उन्होंने इसे ब्लेम गेम करार दिया और कहा कि समस्या का असली समाधान दोनों पार्टियों की जिम्मेदारी है।
उन्होंने आगे कहा कि आज छोटे बच्चे स्कूल बस में चढ़ते समय मुंह पर रुमाल लगाकर जाते हैं। यह देखकर दुख होता है कि उनके फेफड़ों और आंखों की क्या हालत होगी। हम दिल्ली की जनता को किस तरह का स्वास्थ्य दे रहे हैं? केजरीवाल जी, क्या आपने कभी सोचा कि दिल्ली में एंटर करने वाले तमाम ऑटो और ट्रकों से कितना प्रदूषण फैल रहा है?
आलोक शर्मा ने मथुरा में हाल ही में आए हिंदू प्रचारकों के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग धर्मनिरपेक्षता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। चुनावों के समय इस तरह के बयान समाज में विद्वेष फैलाने का काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता अब इन विभाजनकारी बयानों को समझ चुकी है और इन्हें सुनने की इच्छा नहीं रखती।
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