November 23, 2024
Haryana

शैलजा ने एससी/बीसी छात्रवृत्ति में घोटाले का दावा किया, उच्च न्यायालय से जांच कराने की मांग की

कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने दावा किया है कि राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़े वर्ग के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में सैकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में ‘मिलीभगत’ के कारण राशि का दुरुपयोग हुआ है, जबकि अन्य जिलों में पात्र छात्र 10 साल से छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे हैं।

मामले की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच की मांग करते हुए उन्होंने दावा किया कि छात्रवृत्ति घोटाला 2014 से भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ है।

आज यहां जारी एक बयान में शैलजा ने कहा कि कैथल में हाल ही में 96 लाख रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है, जो कि इसका एक नमूना मात्र है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों से इस तरह के घोटालों की खबरें आ रही हैं, और इन घोटालों की राज्य स्तरीय जांच जरूरी है।

उन्होंने कहा, “10 साल से चल रहे इन घोटालों में गबन की गई धनराशि सैकड़ों करोड़ से अधिक हो सकती है। रिपोर्ट्स में छात्रवृत्ति घोटाले में राज्य सरकार के अधिकारियों की संलिप्तता का भी पता चलता है, जिससे किसी भी राज्य एजेंसी पर निष्पक्ष जांच करने का भरोसा करना असंभव हो जाता है।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के अधिकारी अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों के अधिकारों को लूटने में लगे हुए हैं, जबकि पिछले 10 वर्षों में लाखों पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित हैं।

उन्होंने कहा, “आरटीआई जांच से पता चला है कि पात्र होने के बावजूद 9,43,605 अनुसूचित जाति के छात्र और 2,81,649 पिछड़े वर्ग के छात्रों को पिछले एक दशक में छात्रवृत्ति नहीं मिली है। राज्य सरकार की ओर से मिले जवाब के अनुसार, 1 जनवरी 2013 से 30 नवंबर 2023 तक कुल 34,37,866 अनुसूचित जाति के छात्र और 11,41,435 पिछड़े वर्ग के छात्र छात्रवृत्ति के लाभार्थी थे। भाजपा सरकार और शिक्षा विभाग की गरीब विरोधी नीतियों के कारण पिछले 10 वर्षों में लाखों छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है।”

शैलजा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक पढ़ने वाले अनुसूचित और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए उनके ग्रेड स्तर के आधार पर एक निश्चित राशि प्रदान करते हुए छात्रवृत्ति शुरू की।

उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भी स्कूली यूनिफॉर्म के लिए धन का प्रावधान किया था। पात्रता के बावजूद छात्रवृत्ति न मिलने से लाखों अभिभावक सदमे में हैं। अनुसूचित, पिछड़े और गरीब परिवारों का हितैषी होने का भाजपा का दावा बेनकाब हो गया है।”

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