राज्य के विभिन्न जिलों में डीएपी का स्टॉक मिलने की अनिश्चितता के बावजूद किसानों को आज भी लंबी कतारों में खड़े होने की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका आरोप है कि संबंधित अधिकारी खाद उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं, जबकि खेतों में इसकी तत्काल जरूरत है।
हिसार में अनाज मंडी में दुकानों पर कतार में खड़े किसानों ने बताया कि वे खाद का कोटा पाने के लिए दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं। यहां तक कि सरकारी अधिकारियों और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों को भी पिछले कई दिनों से किसानों के फोन आ रहे हैं, जिनमें वे खाद का कोटा दिलाने की गुहार लगा रहे हैं।
जिले के जुगलान गांव के निवासी जय प्रकाश ने बताया कि वह आज सुबह ही डीएपी की बोरियां खरीदने के लिए अनाज मंडी आ गए थे। लेकिन दोपहर तीन बजे तक कतार में खड़े रहने के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पाई। उन्होंने कहा, “अब मुझे कल फिर आने को कहा गया है। मैं इन दिनों खेतों में व्यस्त हूं और अपने अधूरे कामों को खेत में छोड़कर डीएपी के लिए हिसार शहर के चक्कर लगाना मुश्किल नहीं है।”
डोबी गांव के एक अन्य किसान शेर सिंह ने बताया कि दिन भर की जद्दोजहद के बाद उन्हें डीएपी के पांच बैग मिल गए हैं। उन्होंने कहा, “लेकिन मुझे 10 बैग चाहिए।” इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि आज हिसार जिले को 1,500 बैग डीएपी की आपूर्ति की गई। अधिकारियों ने बताया कि डीएपी की आपूर्ति नियमित रूप से की जा रही है।
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