जम्मू, 6 नवंबर । जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने के प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ा विरोध जताया है।
भाजपा ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि जब तक केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है और अमित शाह गृह मंत्री हैं, तब तक अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल नहीं किया जा सकता। भाजपा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस पार्टी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन।
विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रविंद्र रैना ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर में बर्बादी के मंजर लाए। अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, अलगाववाद और पाकिस्तान की मानसिकता को जन्म दिया। उस देश विरोधी षड्यंत्र को 5 अगस्त 2019 को पीएम मोदी और अमित शाह ने उखाड़ के फेंका, लेकिन आज फिर एक कोशिश कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से हुई है। लेकिन भाजपा इस साजिश को देश के साथ गद्दारी करने वालों के इन मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देगी।
रविंद्र रैना ने कहा कि कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में आतंकवाद और अलगाववाद की मानसिकता को, पाकिस्तान की मानसिकता को जन्म देने वाले अनुच्छेद 370 का प्रस्ताव लाकर देश के साथ बहुत बड़ी गद्दारी की है। देश कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी जिस संविधान की शपथ लेकर उन्होंने सौगंध ली थी, उसी संविधान का अपमान किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की यह जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने की कोशिश है। भाजपा किसी भी सूरत में देश विरोधी इन षड्यंत्रों को यहां कामयाब नहीं होने देगी।
उन्होंने आगे कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के लोग किसी गलतफहमी में होंगे, केंद्र में पीएम मोदी की सरकार है और गृहमंत्री अमित शाह हैं। एक प्रस्ताव क्या, हजारों प्रस्ताव भी उमर अब्दुल्ला की सरकार लाएगी तो भी अनुच्छेद 370 अब वापस नहीं आ सकता है।
जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख सतपाल शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि एक ऐसा प्रस्ताव लाना जो इतिहास का हिस्सा बन चुका है। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद वातावरण अच्छा बना गया। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण हुए हैं। यहां शांति बनी हुई है। लेकिन आज उस शांति के माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है। जम्मू-कश्मीर की सरकार चाहे कितने भी प्रस्ताव लेकर आए, इसे नहीं हटाया जा सकता। यह इतिहास का हिस्सा बन चुका है।
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