हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के स्थानीय कार्यालय ने पर्यावरण संबंधी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), सोनीपत के परियोजना निदेशक और बहादुरगढ़ के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
एनजीटी के निर्देशों का पालन न करने और वायु अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के तहत वायु प्रदूषण पैदा करने के लिए दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के उल्लंघन और स्टेज- II के कार्यान्वयन के लिए सीएक्यूएम के आदेश का उल्लंघन करने के लिए अभियोजन और पर्यावरण मुआवजे के लिए एनएचएआई अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
इसी प्रकार, एचएसआईआईडीसी बहादुरगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में नगर ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन एवं हैंडलिंग) नियम 2016, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 का पालन न करने पर बीडीपीओ को नोटिस दिया गया है।
शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए एचएसपीसीबी के अधिकारियों ने मंगलवार को बहादुरगढ़ बाईपास के निर्माणाधीन हिस्से बालोर चौक अंडरपास, बादली चौक, झज्जर चौक, बेरी चौक अंडरपास और आसपास की सर्विस लेन का निरीक्षण किया।
सूत्रों ने बताया, “अधिकारियों ने पाया कि रोहतक-दिल्ली हाईवे पर बहादुरगढ़ बाईपास के मध्य/डिवाइडर/किनारे पर निर्माण कार्य के कारण बहुत अधिक धूल जमा हो गई है। निर्माण सामग्री खुली पड़ी थी, जबकि धूल उत्सर्जन को कम करने के लिए पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा था और न ही कोई एंटी-स्मॉग गन काम कर रही थी। यहां तक कि, बहुत सारा निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट और धूल के कण सड़क के किनारे/मध्य/किनारे पर पड़े हुए थे।”
सूत्रों ने बताया कि मुख्य राजमार्ग के साथ-साथ सर्विस रोड पर भी कई हिस्से कच्चे/बिना परत के पड़े हैं, जिससे आसपास के क्षेत्र में काफी धूल उड़ रही है।
सूत्रों ने बताया, “उल्लंघन के लिए पर्यावरण क्षतिपूर्ति की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसी गतिविधियों से वायु की गुणवत्ता खराब होती है, इसलिए एनएचएआई, सोनीपत के परियोजना निदेशक को तत्काल अनुपालन-सह-कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने और एनजीटी के निर्देशों के अनुसार पर्यावरण क्षतिपूर्ति जमा करने का निर्देश दिया गया है। उनसे यह भी पूछा गया है कि उनके खिलाफ लगातार उल्लंघन के लिए अभियोजन की कार्रवाई बिना किसी और नोटिस के क्यों न शुरू की जाए।”
एक अन्य मामले में, एचएसपीसीबी अधिकारियों ने बहादुरगढ़-दिल्ली बाईपास के निकट बालोर चौक पर ठोस/प्लास्टिक कचरे की अवैध डंपिंग और जलती हुई वस्तुएं पाईं, इसलिए बीडीपीओ को कचरे को वैज्ञानिक तरीके से हटाने और डंपिंग/जलाने की गतिविधि को रोकने के अलावा जुर्माना/दंड के साथ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
बुधवार को बीडीपीओ को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि, “जीआरएपी अवधि के दौरान उल्लंघन गंभीर प्रकृति के हैं और वायु प्रदूषण का स्रोत हैं तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के संबंधित अधिकारी द्वारा तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।”
एचएसपीसीबी, बहादुरगढ़ के एसडीओ अमित दहिया ने ट्रिब्यून को बताया कि दोनों मामलों में पर्यावरणीय मुआवजे की गणना मानदंडों के अनुसार की जाएगी, जबकि पर्यावरण को स्वस्थ रखने के लिए जीआरएपी-II के तहत निर्देशों के उचित निष्पादन के लिए क्षेत्र में कड़ी नजर रखी जा रही है।
‘मानदंडों का पालन नहीं किया गया’ अधिकारियों को रोहतक-दिल्ली हाईवे पर बहादुरगढ़ बाईपास के मध्य/डिवाइडर/किनारे पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण बहुत अधिक धूल मिली। निर्माण सामग्री खुली पड़ी थी, जबकि धूल उत्सर्जन को कम करने के लिए कोई पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा था और कोई एंटी-स्मॉग गन भी काम नहीं कर रही थी। इसके अलावा, सड़क के किनारे/मध्य/किनारे पर बहुत सारा निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट पड़ा हुआ था
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