मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला जिले के रामपुर के आपदा प्रभावित समेज और बागी क्षेत्रों के लिए पिछले वर्ष दिए गए राहत पैकेज की तर्ज पर विशेष राहत पैकेज की घोषणा की।
उन्होंने यह घोषणा रामपुर में चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए की।
उन्होंने कहा, “जिन परिवारों ने आपदा में अपने घर पूरी तरह खो दिए हैं, उन्हें 1.50 लाख रुपये की बजाय 7 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि जिनके घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 1 लाख रुपये मिलेंगे। राज्य सरकार आपदा में लापता हुए लोगों के परिवारों को मृत्यु प्रमाण पत्र और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।”
सुखू ने कहा कि सरकार ने पिछले साल 23,000 प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया था और केंद्र सरकार की मदद के बिना 4,500 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज दिया था। उन्होंने पिछली भाजपा सरकार पर सार्वजनिक धन की कथित बर्बादी का आरोप लगाया।
सुखू ने कहा कि आगामी बजट में और भी जन कल्याणकारी योजनाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद परिवारों को सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा, लेकिन संपन्न परिवारों को स्वेच्छा से ऐसे लाभ छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्रदान करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन उचित शिक्षकों और सुविधाओं के बिना यह जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात होगा।”
उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए बैच-वार आधार पर 3,000 शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है, जबकि 3,000 अन्य शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है और पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक पेंशन देना शुरू कर दिया है।
लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि लवी मेला सांस्कृतिक विरासत और व्यापारिक आदान-प्रदान का प्रतीक है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को आपदा प्रबंधन में मजबूत कदम उठाने और राज्य भर में चल रहे विकास का श्रेय दिया। उन्होंने दावा किया कि अकेले रामपुर में सड़क परियोजनाओं के लिए करीब 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
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