कांग्रेस के शीर्ष वकील शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पार्टी शासित हिमाचल प्रदेश सरकार का बचाव करने के लिए उपस्थित होंगे। यह मामला राज्य उच्च न्यायालय द्वारा छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को रद्द करने से संबंधित है।
कपिल सिब्बल जहां राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे, वहीं उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी आनंद शर्मा 27 वर्षों में पहली बार वकील बनेंगे। शर्मा सीपीएस में से एक आशीष बुटेल का बचाव करेंगे, जिनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई है।
कानूनी परेशानियों का सामना कर रहे विपक्ष के कई दिग्गजों के पसंदीदा वकील अभिषेक सिंघवी भी प्रभावित लोगों की ओर से पेश होंगे।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 13 नवंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया था और उस कानून को अमान्य घोषित कर दिया था जिसके तहत उनकी नियुक्ति की गई थी।
इसके बाद राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में अपील दायर कर उच्च न्यायालय के आदेश को “कानून के मुताबिक गलत” बताया और इस पर रोक लगाने की मांग की। उच्च न्यायालय ने छह मुख्य संसदीय सचिवों को मिलने वाले सभी विशेषाधिकार वापस लेने का भी आदेश दिया।
इस मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा की जाएगी।
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