हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज युवाओं से आग्रह किया कि वे विदेश जाने के लिए गधे का रास्ता न अपनाएं, क्योंकि इससे वे मुश्किल परिस्थितियों में फंस जाते हैं और उन्हें भारी मात्रा में धन गंवाना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “बड़ी संख्या में युवा विदेश जा रहे हैं, लेकिन मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अवैध रास्ता न अपनाएं। गधे के रास्ते उन्हें मुश्किल हालात में ले जाते हैं और कई बार वे भारी भरकम रकम खर्च करके वापस आते हैं। सरकार ने युवाओं को उचित माध्यम से विदेश भेजने और नियुक्ति पत्र देने की व्यवस्था की है। जीवन हर व्यक्ति को एक सुनहरा अवसर देता है और यह अवसर आपके हाथ में है, क्योंकि आपने अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध सरकार चुनी है। एक समय था जब युवाओं को नौकरी पाने के लिए कुछ चौधरियों के दरवाजे पर अपना आत्मसम्मान झुकाना पड़ता था, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है क्योंकि योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं।”
वे कुरुक्षेत्र के कला कृति भवन में जिला स्तरीय युवा महोत्सव के समापन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विज्ञान मेले का दौरा किया तथा युवा महोत्सव के विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए।
सीएम नायब सिंह ने कहा, “हरियाणा के युवाओं ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। छात्र सीबीएसई, नीट और जेईई परीक्षाओं में अच्छे रैंक हासिल कर रहे हैं। हरियाणा के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है।”
सीएम ने भाजपा सरकार की उपलब्धियों और नीतियों पर प्रकाश डाला और कहा, “पिछले 10 वर्षों में, हमने युवाओं को सभी सुविधाएं देने और शिक्षा, नौकरी, स्टार्टअप, कौशल शिक्षा और खेल के क्षेत्र में सभी बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया है। सरकार शिक्षा, कौशल विकास, स्वरोजगार और विदेश जाने सहित सभी क्षेत्रों में युवाओं का समर्थन करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर रही है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक हरियाणा के हर युवा को कुशल और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।”
इसके बाद शाम को मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 की तैयारियों के संबंध में सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के साथ बैठक की।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने महोत्सव के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए संगठनों का आह्वान किया और कहा, “समाज के सहयोग के बिना हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। सरकार अपनी भूमिका निभा रही है और बजट का प्रावधान भी करती है, लेकिन इसकी सीमाएं हैं। समाज की कोई सीमाएं नहीं हैं। जब लोग एकजुट होकर काम करते हैं, तो सब कुछ सही हो जाता है।”
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