नालंदा, 25 नवंबर । केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा देश के गरीब और मध्यमवर्ग को ध्यान में रखते हुए कई तरह की जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी में से एक ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (पीएमएमएसवाई) है, जो मत्स्य पालन क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से शुरू की गई। बिहार का नालंदा जिला भी इससे अछूता नहीं है।
‘पीएमएमएसवाई’ के अंतर्गत बिहार के नालंदा जिले के रहुई प्रखंड के समीप स्टेट हाईवे 78 के किनारे जिंदा मछली बिक्री केंद्र की शुरुआत की गई है। इस केंद्र के माध्यम से स्थानीय मछुआरों को अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा और उपभोक्ताओं को ताजा मछली उपलब्ध होगी।
पीएमएमएसवाई के लाभार्थी ब्रह्मदेव केवट ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ के अंतर्गत हमें यह लाभ मिला है। इसमें 40 प्रतिशत सब्सिडी मिली है और 60 प्रतिशत हमने अपनी लागत लगाई है। आठ लाख रुपए की सब्सिडी में से लाख रुपए मिल चुके हैं और बाकी राशि भी जल्द मिलने की उम्मीद है। इस केंद्र के माध्यम से गरीब मछुआरे अपनी मछली बेच सकेंगे और उन्हें उचित दाम मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पहले ऐसा सोचा भी नहीं था कि कभी ऐसी योजना भी आएगी।
मत्स्य निदेशालय, पटना के उप निदेशक आभास चंद्र मंडल ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 32 घटक हैं, जिनमें से एक जिंदा मछली बिक्री केंद्र है। इच्छुक लाभार्थी राज्य सरकार के पोर्टल पर जाकर योजना की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। तालाब निर्माण, फ़ीड प्लांट, हैचरी आदि भी इस योजना के अंतर्गत आते हैं। नालंदा जिले में इस योजना के तहत अच्छा काम हो रहा है और लोगों को फायदा हो रहा है। यह जिले का तीसरा बिक्री केंद्र है, जिसकी कुल लागत 20 लाख रुपए है। इसमें 40 प्रतिशत सब्सिडी केंद्र सरकार और 60 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। इस केंद्र से 20-25 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
उन्होंने बताया कि स्थानीय तालाबों से मछली लाकर इस केंद्र में रखी जाएगी, जिसे स्थानीय लोग और व्यापारी खरीद सकेंगे। दूर-दराज के इलाकों में भी ताजा मछली पहुंचाई जा सकेगी। यह योजना रोजगार सृजन और आय में वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
रहुई नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि अलबेला राय ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस योजना से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वेबसाइट पर जाकर योजना की जानकारी प्राप्त करें और ऑनलाइन आवेदन करें। यह योजना निश्चित रूप से मत्स्य पालन क्षेत्र को नई दिशा देगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी। आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
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