बहरीन में हिमाचली प्रवासियों ने भारतीय दूतावास के साथ मिलकर कल दूतावास में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू किया। नादौन निवासी और कार्यक्रम समन्वयक राजन शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश की जीवंत संस्कृति, पारंपरिक भोजन, पहनावे और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करना है। यह पहल हिमाचल प्रदेश सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना के अनुरूप है और बीच-बीच में ब्रेक के साथ तीन महीने तक चलेगी।
प्रदर्शनी में हिमाचल के प्रतिष्ठित उत्पाद जैसे कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, चंबा रुमाल, पारंपरिक आभूषण और “हिमाचल की दुल्हन” शीर्षक से एक प्रदर्शनी भी शामिल है। इसमें क्षेत्र के पारंपरिक व्यंजनों और जीवनशैली पर भी प्रकाश डाला गया है।
बहरीन में भारतीय राजदूत विनोद जैकब ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और बहरीन में अपनी तरह के पहले कार्यक्रम के रूप में इसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के महत्व पर ध्यान दिलाया और इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कार्यक्रम बहरीन में रहने वाले भारतीय प्रवासियों का किस तरह मनोरंजन करेगा और उन्हें जोड़ेगा।
सह-संयोजक निगम शर्मा ने घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश के सारेगामा अकादमी की एक टीम जनवरी में बहरीन का दौरा करेगी और दूतावास में हिमाचली लोक संस्कृति, भारतीय शास्त्रीय संगीत और शाम-ए-गजल पेश करेगी। सांस्कृतिक दल के नेता अजय डोगरा ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति देने को लेकर उत्साह व्यक्त किया और बताया कि बहरीन दौरे की तैयारियां चल रही हैं। यह पहल संस्कृतियों को जोड़ने और विदेशी धरती पर हिमाचल प्रदेश के सार का जश्न मनाने का एक अनूठा प्रयास है।
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