February 22, 2025
National

वक्फ बोर्ड है तो सनातन धर्म बोर्ड क्यों नहीं होना चाहिए : कथावाचक देवकीनंदन

If there is Waqf Board then why should there not be Sanatan Dharma Board: Narrator Devkinandan

वाराणसी, 1 दिसंबर । वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 इस समय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दी गई है। इस बीच सनातन धर्म बोर्ड की मांग उठने लगी है। तमाम धर्माचार्यों और संतों के बाद अब मथुरा के मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ने भी सनातन धर्म बोर्ड बनाने की मांग की है।

कथावाचक देवकी नंदन ने रविवार को आईएएनएस से कहा, “सनातन बोर्ड की मांग को लेकर मैंने एक महत्वपूर्ण बात उठाई है कि अगर पाकिस्तान के बनने के बाद भी वक्फ बोर्ड बना है, तो स्वतंत्र भारत में सनातन बोर्ड क्यों नहीं होना चाहिए? हम जो मांग रहे हैं, वह केवल अधिकार की है। हम चाहते हैं कि हमारे मंदिर, हमारी पूजा, हमारी परंपराओं की व्यवस्था स्वतंत्र रूप से हो, बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के। यह जिम्मेदारी धर्माचार्यों की होनी चाहिए, शंकराचार्य और विद्वान लोग ही इसे संभालें। जब सरकार ने हमारे बारे में नहीं सोचा, तो अब समय आ गया है कि कम से कम हमारी भावनाओं को समझा जाए और सनातन बोर्ड की मांग की जाए।”

उन्होंने कहा, “मैं काशी में हूं और यहां के विद्वानों से निवेदन करता हूं कि वे इस मांग को स्वीकार करें। काशी से ही इस बोर्ड की शुरुआत हो, क्योंकि काशी में आने वाला कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं जाता। यहां सभी भक्तों की झोली भगवान शिव की कृपा से भर जाती है। यहां के जितने भी विद्वान हैं, वे शंकर भगवान के स्वरूप हैं। मैं सभी से आशीर्वाद और वरदान मांगता हूं कि आप सभी सनातन बोर्ड की मांग करें। अगर आप सब इस बात पर एकजुट हो जाते हैं, तो सनातन बोर्ड का गठन जरूर होगा।”

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, बांग्लादेश में श्री पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय दास की गिरफ्तारी और फिर से उत्पन्न हो रहे विवादों के बीच, मैं बार-बार यह कह रहा हूं कि हिंदुओं और सनातनियों को जागृत होने की आवश्यकता है क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कश्मीर, बांग्लादेश जैसी जगहों पर हिंदुओं की हालत देखने के बावजूद, अगर हम सावधान नहीं होते, तो यह हमारी मूर्खता होगी। हम अपने को एक अंधे रास्ते पर ले जा रहे हैं।”

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