होटलों, बैंक्वेट हॉल और दुकानों द्वारा अवैध सीवरेज कनेक्शन और रंगाई इकाइयों द्वारा छोड़े गए अनुपचारित अपशिष्टों के प्रवाह से बबैल नाका से सिवाह गांव में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तक 7.5 किलोमीटर लंबी मुख्य सीवरेज लाइन को नुकसान पहुंच रहा है, जो शहर के 16 वार्डों के सीवरेज प्रवाह के भार को पूरा करती है।
सेक्टर 25 बाईपास रोड पर एक होटल के पास और औद्योगिक सेक्टर 29 पार्ट-2 में पिछले डेढ़ साल में सीवरेज लाइन आठ बार धंस चुकी है। हाल ही में सीवरेज लाइन का एक मैनहोल भी टूटा हुआ मिला, जो अक्टूबर में धंसने वाले पॉइंट से 100 मीटर आगे है।
इस बीच, नगर निगम ने इस क्षतिग्रस्त सीवर लाइन की मरम्मत के लिए 103 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए शहरी स्थानीय निकाय मुख्यालय को भेज दिया है।
सूत्रों के अनुसार, जन स्वास्थ्य विभाग ने 1995 में मुख्य सीवरेज लाइन बिछाने का काम शुरू किया था। 7.5 किलोमीटर लंबी सीवेज लाइन 2000 में चालू हुई थी और यह लगभग 20-25 फीट गहरी है तथा इसका व्यास 1600-1800 मिमी है। शहर के लगभग आधे हिस्से की सीवरेज लाइनें, जिसमें यहाँ के 17 वार्ड शामिल हैं, इससे जुड़ी हुई हैं।
लेकिन समय के साथ यह सीवरेज लाइन कमजोर होती गई और डेढ़ साल के भीतर आठ बार धंस गई। अगस्त 2023 में, अक्टूबर 2023 में, जनवरी 2024 में और अगस्त में सेक्टर 29 पार्ट-2 में धंस गई। इसके अलावा सेक्टर 25 बाईपास रोड पर, 9 नवंबर को कृष्णा गार्डन के पास, 20 अक्टूबर को डेज होटल के पास, 24 अगस्त को मलिक एन्क्लेव के पास और 10 अगस्त को सीवेज लाइन धंस गई। इसके अलावा सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही के कारण मैनहोल टूट गए।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि इस सीवेज लाइन के क्षतिग्रस्त होने का मुख्य कारण यह है कि सबसे पहले तो यह लाइन अपनी आयु पूरी कर चुकी थी और इसमें रंगाई इकाइयों से अवैध रूप से सीवरेज लाइनों के माध्यम से छोड़े गए रसायनों सहित उच्च स्तर के अनुपचारित अपशिष्टों का प्रवाह था।
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा कई होटलों, बैंक्वेट हॉल और दुकान मालिकों ने बिना अनुमति या सूचना के मुख्य सीवेज लाइन में कनेक्शन जोड़ लिए हैं।
उन्होंने कहा कि उनके प्लम्बरों ने कनेक्शन ढीले रखे, जिसके कारण मिट्टी कट गई और लाइन धंस गई।
नगर निगम के एक्सईएन राजेश कौशिक ने बताया कि 30 साल पुरानी इस सीवरेज लाइन की मरम्मत के लिए 103 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना तैयार की गई है।
एक्सईएन कौशिक ने बताया कि पुरानी सीवरेज लाइन को नवीनतम तकनीक, मशीन वाउंड स्पाइरल लाइनिंग (एमडब्ल्यूएसएल) से दुरुस्त किया जाएगा, जिसके तहत सीवेज पाइपों के अंदर कोटिंग करके इस लाइन की मरम्मत की जाएगी और मरम्मत के बाद इसकी लाइफ करीब 50 साल तक बढ़ाई जाएगी।
Leave feedback about this