पानीपत पुलिस ने तीन लोगों की गिरफ्तारी के साथ एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है जो कथित तौर पर फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप पर निवेश करने के बदले लोगों को ठगने में शामिल था। आरोपियों ने पानीपत के एक डॉक्टर से 60 लाख रुपये ठगे।
डीएसपी सतीश वत्स ने बुधवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान महाराष्ट्र के पुणे निवासी मनीष सिन्हा, औरंगाबाद निवासी राहुल सक्सेना और उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी मनोज के रूप में हुई है।
डीएसपी वत्स ने बताया कि डॉ. प्रवीण पी कोटवानी ने साइबर क्राइम सेल को दी शिकायत में बताया कि वह जुलाई 2023 से डॉ. प्रेम अस्पताल के माध्यम से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में काम कर रहे थे।
डॉ. कोटवानी ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर स्टॉक पुल अप ग्रुप के लिंक पर क्लिक किया और यह उन्हें गोल्डमैन स्टॉक्स इंडिया इक्विटी एक्सचेंज ग्रुप 207 के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप पर ले गया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जय साहनी और रागिनी सिंह ई-ट्रेडिंग की ट्रेनिंग दे रहे थे। उन्होंने ट्रेडिंग भी शुरू कर दी और अच्छा मुनाफा दिखाकर उन्हें नियमित रूप से बड़े-बड़े काम मिलते रहे।
उन्होंने बताया कि 36 लाख रुपये की जांच के बाद उन्होंने अपनी राशि वापस लेने की कोशिश की लेकिन उनकी दावा प्रक्रिया खारिज कर दी गई।
60 लाख रुपए जमा करवाने के बाद उन्होंने उसकी आईडी ब्लॉक कर दी। उसकी शिकायत के बाद साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया और टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी।
डीएसपी वत्स ने बताया कि साइबर टीम ने 30 नवंबर को राहुल और मनोज को मथुरा से गिरफ्तार कर दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया था। इसके बाद टीम ने मंगलवार शाम को फरीदाबाद से मनीष सिंह को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि राहुल सक्सेना फेसबुक के जरिए मनीष सिन्हा के संपर्क में आया था।
डीएसपी वत्स ने बताया कि मनीष सिन्हा के कब्जे से कुल 29 डेबिट कार्ड, 19 चेक बुक, एक टैब, एक लैपटॉप और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है तथा उसे अदालत में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
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