कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिले के जयसिंहपुर क्षेत्र में कश्मीर से आए मुस्लिम व्यापारियों के साथ दुर्व्यवहार करने तथा उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में एक महिला पंचायत समिति सदस्य को पंचायती राज अधिनियम के तहत निलंबित कर दिया है।
बेरवा ने इससे पहले कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर के लंबागांव वार्ड की पंचायत समिति सदस्य सुषमा देवी को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। उनसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। हालांकि, उनके जवाब से संतुष्ट न होने पर उपायुक्त ने उन्हें पंचायत समिति सदस्य के लिए आचरण के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है।
सुषमा ने कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के पचगांव के एक पिता-पुत्र के साथ दुर्व्यवहार किया था, जब वे कपड़े बेचने के लिए उसके गांव में आए थे। सुषमा द्वारा कश्मीरी व्यापारियों को गाली देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, लंबागांव पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
कुपवाड़ा जिले के पचगांव निवासी कश्मीरी व्यापारी फिरदौस अहमद मीर और उनके बेटे अली मोहम्मद मीर ने सुषमा के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि वे 23 नवंबर को शॉल और कंबल बेचने के लिए गंदाद गांव गए थे। वे अशोक कुमार के घर के आंगन में बैठे थे और बिक्री के लिए शॉल और कंबल दिखा रहे थे। अशोक कुमार की पड़ोसी सुषमा वहां आईं और उनसे कहा कि “आप इस इलाके में नहीं आ सकते”। फिर उसने कथित तौर पर उनसे “जय श्री राम” का नारा लगाने को कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुषमा ने उनसे कहा कि “हम भारत से नहीं हैं। अगर हम भारत के निवासी हैं, तो हमें एक बार ‘जय श्री राम’ कहना चाहिए।” उनकी शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। सुषमा ने अपने दुर्व्यवहार के लिए सोशल मीडिया पर माफ़ी मांगी थी
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