December 27, 2024
World

भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव के बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री पहुंचे ढाका

Foreign Secretary Vikram Misri reached Dhaka amid tension in India-Bangladesh relations.

 

नई दिल्ली, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री सोमवार को ढाका पहुंचे। उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषतौर पर हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है।

विक्रम मिस्री की यात्रा विदेश कार्यालय परामर्श में भाग लेने के लिए है, जो द्विपक्षीय मुद्दों को संबोधित करने और संवाद को बढ़ावा देने का एक तंत्र है।

इससे पहले सितंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुई बैठक हुई थी।

हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी, जिसमें तनावपूर्ण माहौल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेष तौर पर हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती चरमपंथी बयानबाजी, हिंसा की बढ़ती घटनाओं और उकसावे पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

मिस्री की यात्रा से इन महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने और उथल-पुथल के समय में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने के प्रयासों को बल उम्मीद है।

बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए हमलों से दुनिया भर में चिंता जताई गई है।

विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था, “हम चरमपंथी बयानबाजी, हिंसा की बढ़ती घटनाओं और उकसावे को लेकर चिंतित हैं। इन घटनाक्रमों को केवल मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर बताए जाने के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता। हम एक बार फिर बांग्लादेश से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान करते हैं।”

बता दें बांग्लादेश में अगस्त 2024 में तत्कालीन पीएम शेख हसीना को बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते देश छोड़कर भारत आने पर मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों की कई खबरें सामने आई हैं। मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में स्थापित अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा न दे पाने के आरोप लगते रहे हैं।

इस हफ्ते की शुरूआत में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर ‘सामूहिक हत्याओं का मास्टरमाइंड’ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूनुस देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की साजिश रचने में शामिल है।

पूर्व पीएम ने कहा, “आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है। वास्तव में, यह मुहम्मद यूनुस ही हैं जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। वे ही मास्टरमाइंड हैं।”

 

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