हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कहा कि सरकार कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि के अंतर्गत सभी तीर्थों के संरक्षण एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा उन्होंने तीर्थों के प्रतिनिधियों से तीर्थों में स्वच्छता की स्थिति सुधारने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
48 कोस तीर्थ सम्मेलन में तीर्थ प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों को अवसर और सम्मान मिल रहा है। देश विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। कुरुक्षेत्र को प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र और ज्योतिसर को विश्व स्तर पर पहचान मिली है और दुनिया भर से लोग इस पवित्र भूमि पर मत्था टेकने के लिए यहां पहुंचते हैं। माना जाता है कि 48 कोस भूमि के अंतर्गत 367 तीर्थ हैं, जिनमें से कई समय के साथ विलुप्त हो गए हैं। जबकि 182 तीर्थों का दस्तावेजीकरण किया जा चुका है, और अधिक तीर्थों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है। सरकार तीर्थों के विकास और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले पांच वर्षों में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तहत 93 विकास कार्यों के लिए 76 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 57 करोड़ रुपये का बजट पहले ही जारी किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 84 कोसी यात्रा की तर्ज पर 48 कोस की तीर्थ यात्रा शुरू करने तथा कुरुक्षेत्र से मथुरा व हरिद्वार के लिए रेलगाड़ियां शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं। ज्योतिसर में 205 करोड़ रुपये की लागत से महाभारत थीम पर आधारित व्याख्या केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। सरकार कुरुक्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण किया गया है, जिसे जल्द ही जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कुरुक्षेत्र बाईपास के निर्माण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिसका निर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा। बाईपास के निर्माण से न केवल कुरुक्षेत्र के लोगों को बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी लाभ मिलेगा, जिससे इस पवित्र भूमि में बेहतर कनेक्टिविटी और बेहतर बुनियादी ढांचा सुनिश्चित होगा।
सैनी ने कहा कि स्वच्छता की स्थिति पर ध्यान देने तथा तीर्थों को स्वच्छ रखने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है, विशेषकर तीर्थों के प्रतिनिधियों को। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र टूर गाइड मोबाइल एप्लीकेशन, तीर्थ क्यूआर कोड तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा तैयार किए गए 48 कोस कुरुक्षेत्र के प्रथम व द्वितीय संस्करण का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने पंचजन्य-कुरुक्षेत्र संवाद में ‘आर्थिक परिवर्तन की दिशा में हरियाणा के कदम की प्रतिध्वनि’ विषय पर आयोजित समारोह को भी संबोधित किया। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने ज्योतिसर तीर्थ में पूजा-अर्चना की, हवन में भाग लिया और निर्माणाधीन इंटरप्रिटेशन सेंटर के बारे में भी जानकारी ली।
बाद में शाम को मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव (आईजीएम) के अवसर पर गीता जयंती के उपलक्ष्य में सन्निहित सरोवर में शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक दीपदान किया। ब्रह्मसरोवर के तट पर आईजीएम के तहत आयोजित सरस एवं शिल्प मेले का समापन 15 दिसंबर को होगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दीपोत्सव में भाग लिया और गीता जयंती की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ब्रह्म सरोवर पर संध्या आरती की।
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