गिरिडीह, 20 दिसंबर । झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत डुमरी प्रखंड के जिलिमटांड़ गांव में पुआल की झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात का है। पुलिस ने मां-बेटे के शवों के अवशेष बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
जानकारी के मुताबिक, नुनिया देवी और उनका 12 वर्षीय पुत्र बाबूचंद मुर्मू धान के खलिहान में पुआल से बनाई गई अस्थायी झोपड़ी में सोए थे। ठंड से बचने के लिए पास में ही अलाव जलाई गई थी। देर रात आग झोपड़ी तक पहुंच गई। मां-बेटे न तो झोपड़ी से बाहर आ सके, न उनकी पुकार गांव और परिवार के लोगों तक पहुंच सकी।
महिला के पति सोमरा मुर्मू ने बताया कि आग लगने की जानकारी मिलते ही उसने पहले गांव के लोगों को और इसके बाद पुलिस को सूचना दी। डुमरी थाने की पुलिस शुक्रवार को मौके पर पहुंची। इसके बाद आग बुझाकर शवों के अवशेष निकाले गए। डुमरी थाना प्रभारी जगन्नाथ पान ने बताया कि ग्रामीणों ने इसे हादसा बताया है। मामले की जांच की जा रही है।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय विधायक जयराम महतो गांव पहुंचे। उन्होंने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को सांत्वना और मदद का भरोसा दिया। विधायक ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घटना की जानकारी देते हुए मृतक के परिजनों को अनुग्रह राशि और आग से खलिहान को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है।
झारखंड में हाल के दिनों में धान के खलिहानों में आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं। गत 18 दिसंबर को गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड अंतर्गत विश्वासखानी गांव में चंदेश्वरी यादव नामक किसान के खलिहान में आग लगने से तीन एकड़ क्षेत्र में उपजाई गई धान की फसल नष्ट हो गई थी। एक सप्ताह के दौरान हजारीबाग जिले के टाटीझरिया प्रखंड अंतर्गत झरपो, रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र अंतर्गत चकला गांव में भी खलिहानों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं।
Leave feedback about this