December 22, 2024
Uttar Pradesh

बांग्लादेश में आए दिन हिंदुओं का हो रहा कत्लेआम, भेजी जानी चाहिए शांति सेना : महंत राजू दास

Hindus are being massacred every day in Bangladesh, peace army should be sent: Mahant Raju Das

अयोध्या, 22 दिसम्बर । बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश में आए दिन हिंदुओं का कत्लेआम किया जा रहा है और सनातन मंदिर तोड़े जा रहे हैं।”

उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर जलाए जा रहे हैं, हिंदू मां-बहन और बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है। मकान, दुकान जलाए जा रहे है। वहां जो भी हिंदुत्व की बात करता है, उसके ऊपर हमला होता है, उसको मारा जाता है। अगर हिंदुओं के पक्ष में कोई वकील खड़ा होता है तो उसकी पिटाई की जाती है।

उन्होंने आगे कहा कि वहां पर लगातार मंदिर तोड़ने का वीडियो सामने आ रहा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर मौन है। मैं भारत सरकार से मांग करता हू कि वहां पर शांति सेना भेज हिंदुओं की रक्षा की जाए। वहां पर हिंदुओं की रक्षा करने के लिए कोई नहीं है। मानवाधिकार आयोग वहां के हिंदुओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर मौन क्यों है। मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निवेदन करना चाहता हूं कि वहां के हिंदुओं और मानवता की रक्षा करें। प्रधानमंत्री मोदी तत्काल वहां पर शांति सेना भेज कर हिंदुओं की रक्षा करें। मेरा मानना है कि यह मौजूदा सरकार की जिम्मेदारी बनती है।

वहीं अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि बांग्लादेश में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है तब से हिंदुओं को परेशान किया जा रहा है। यह दुखद है कि बांग्लादेश में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है, तब से वहां कट्टरपंथी बस गए हैं। वह अपना ध्येय बनाए हैं यहां किसी न किसी प्रकार से हिन्दुओं को हटा दिया जाए। इसी कारण वे लोग हिन्दुओं की संपत्ति लूट रहे हैं, उनके मंदिर तोड़ रहे हैं।

ज्ञात हो कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। मंदिरों पर हमले, जमीन पर कब्जे और सामाजिक उत्पीड़न के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसे लेकर राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) के साथ अन्य सामाजिक संगठन के लोग भी इस अत्याचार के खिलाफ लामबंद हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

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