December 23, 2024
National

शुरुआत में स्वच्छता टॉयलेट के निर्माण तक ही सीमित थी, हम अनुभव से सीखकर आगे बढ़ते गए: डॉ. जितेंद्र सिंह

Initially, cleanliness was limited to construction of toilets, we moved forward by learning from experience: Dr. Jitendra Singh

नई दिल्ली, 23 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में वर्चुअली रोजगार मेले का उद्घाटन किया, जिसमें देशभर में 71,000 से ज़्यादा नियुक्ति पत्र जारी किए गए। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और हर्ष मल्होत्रा ​​ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जो 14वां आयोजन था, जिससे युवाओं को रोजगार देने की सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने आईएएनएस से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि इस समय गुड गवर्नेंस सप्ताह चल रहा है, जिसका समापन 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के साथ होगा। हालांकि, गुड गवर्नेंस की परंपरा में एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी जुड़ा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार लाल किले से स्वच्छता का आह्वान किया है। उन्होंने आगे कहा कि शुरुआत में तो स्वच्छता टॉयलेट के निर्माण तक ही सीमित थी। हमें अपने अनुभव से धीरे-धीरे सीखते गए और आगे बढ़ते गए।”

बता दें कि पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘रोजगार मेला’ के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में चयनित 71 हजार से ज्यादा कर्मियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किया।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “आज आपके जीवन की नई शुरुआत हो रही है। आपकी वर्षों की मेहनत सफल हुई है। 2024 का ये साल आपको और आपके परिजनों को नई खुशियां देकर जा रहा है। मैं आप सभी को बधाई देता हूं। पिछले दस सालों से सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संस्थाओं में सरकारी नौकरी देने का अभियान चल रहा है। आज भी 71,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। बीते डेढ़ साल में करीब दस लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। ये अपने आप में रिकॉर्ड है। आज भारत का युवा, नए आत्मविश्वास से भरा हुआ है। वो हर सेक्टर में अपना परचम लहरा रहा है। भारत के युवाओं की क्षमता और प्रतिभा का पूरा उपयोग हमारी सरकार की प्राथमिकता है।”

उन्होंने आगे कहा कि अंतरिक्ष से लेकर रक्षा तक, पर्यटन से लेकर वेलनेस तक, आज भारत हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। राष्ट्र में सच्चा विकास सुनिश्चित करने के लिए हमें ‘युवा प्रतिभा’ को निखारने की जरूरत है और यह जिम्मेदारी वास्तव में शिक्षा प्रणाली पर है।

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