वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए और चल रहे किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए बार एसोसिएशन, हिसार के वकीलों ने मंगलवार को यहां सिटी मजिस्ट्रेट हरि राम को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन हरियाणा और पंजाब के राज्यपालों, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री तथा हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को संबोधित किया गया।
वकीलों ने हरियाणा-पंजाब सीमा पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के प्रति सरकार के उदासीन रवैये पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जगजीत सिंह दल्लेवाल की लंबी भूख हड़ताल और दिल्ली में किसानों की आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंध उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हैं। उन्होंने तर्क दिया कि स्वतंत्र रूप से घूमने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार भारतीय लोकतंत्र का मूल है और इन अधिकारों का हनन संविधान में निहित सिद्धांतों को कमजोर करता है।
ज्ञापन में कहा गया है कि किसानों ने अपनी शिकायतों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शित किया है। इसमें बोट क्लब जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर पिछले विरोध प्रदर्शनों का हवाला दिया गया, जहाँ कोई गड़बड़ी नहीं हुई, जो किसान आंदोलन की अखंडता और अहिंसक प्रकृति को दर्शाता है। वकीलों ने सरकार से किसानों के मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ देखने और दमन के बजाय बातचीत करने का आह्वान किया।
ज्ञापन में अधिकारियों से दल्लेवाल की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने और किसानों की फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को पूरा करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया गया। साथ ही, किसानों की आवाजाही पर प्रतिबंध हटाने की भी मांग की गई।
ज्ञापन के दौरान हिसार बार के प्रमुख सदस्य, जिनमें बार के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बाजिया, उपाध्यक्ष विनोद कस्वां, कोषाध्यक्ष दीक्षेश जाखड़, विक्रम मित्तल व अन्य वकील मौजूद थे।
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