January 9, 2025
National

पीएम मोदी की ओर से किरेन रिजिजू 4 जनवरी को अजमेर शरीफ दरगाह में चढ़ाएंगे चादर

On behalf of PM Modi, Kiren Rijiju will offer a chadar at Ajmer Sharif Dargah on January 4.

अजमेर, 2 जनवरी । राजस्थान के अजमेर में आयोजित होने वाले ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स के अवसर पर पीएम मोदी 4 जनवरी को चादर भेजेंगे। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू उनकी तरफ से चादर लेकर अजमेर स्थित दरगाह जाएंगे।

यह चादर प्रधानमंत्री मोदी एक दिन पहले दिल्ली में दरगाह से जुड़े विभिन्न पक्षों को सौंपेंगे और इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से अजमेर जाएगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने इस आयोजन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। दरगाह कमेटी, दरगाह दीवान, अंजुमन सैयद जादगान जैसे संगठनों से भी नाम मांगे गए हैं।

यह परंपरा हर साल ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान मनाई जाती है, जहां प्रधानमंत्री की ओर से चादर दरगाह शरीफ पर चढ़ाई जाती है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री का प्रतिनिधित्व करते हैं।

रिजिजू शनिवार को सुबह 7:15 बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे और सड़क मार्ग से अजमेर जाएंगे। चादर चढ़ाने की रस्म सुबह 11 बजे अजमेर दरगाह शरीफ पर होगी।

इस यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री रिजिजू दरगाह शरीफ के वेब पोर्टल और ‘गरीब नवाज’ मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ करेंगे। इनका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाना है। इसके अलावा, उर्स मैनुअल भी जारी किया जाएगा, जिसमें उर्स के संचालन और व्यवस्थाओं का ब्यौरा होगा।

नया वेब पोर्टल ख्वाजा साहब की जीवन और शिक्षाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। यह दरगाह समिति द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं, जैसे ‘लंगर’ और ‘देग’ सेवाओं के बारे में भी विवरण प्रदान करता है, और इसमें ऑनलाइन गेस्ट हाउस बुकिंग का विकल्प भी शामिल है। पोर्टल की एक प्रमुख विशेषता लाइव दर्शन सुविधा है, जो दुनिया भर के श्रद्धालुओं को दरगाह शरीफ में होने वाले कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण देखने में सक्षम बनाता है।

श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया ‘गरीब नवाज’ ऐप सुलभ और यूजर फ्रेंडली सेवाएं प्रदान करने में पोर्टल का पूरक होगा।

रिजिजू द्वारा जारी किए जाने वाले उर्स मैनुअल में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, परंपराएं और उर्स के लिए विस्तृत व्यवस्थाएं शामिल होंगी। मैनुअल का उद्देश्य केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, दरगाह समिति और जिला प्रशासन के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करना है, ताकि आगंतुकों को एक अच्छा अनुभव मिल सके।

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