January 10, 2025
Punjab

शंभू विरोध के बीच किसान 6 जनवरी को गुरु गोबिंद जयंती मनाएंगे

जहां एक तरफ पूरी दुनिया जश्न मनाकर नए साल का स्वागत कर रही है, वहीं दूसरी तरफ किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले किसान और मजदूर अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। इस बीच, वे 6 जनवरी को शंभू विरोध के बीच गुरु गोविंद जयंती मनाएंगे।

13 फरवरी, 2024 से चल रहे दिल्ली विरोध प्रदर्शन के दूसरे चरण में किसान विभिन्न सीमाओं पर कड़ाके की सर्दी का सामना कर रहे हैं। मोर्चा की एक अहम बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने विरोध प्रदर्शन और आगामी कार्यक्रमों पर अपडेट साझा किए।

पंधेर ने सरकार की निरंतर उदासीनता पर गहरी चिंता व्यक्त की, जबकि कार्यकर्ता दल्लेवाल की भूख हड़ताल अपने 37वें दिन में प्रवेश कर गई। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चल रहे विरोध के बावजूद सरकार बेपरवाह बनी हुई है। पंधेर ने घोषणा की कि गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 6 जनवरी, 2025 को शंभू बॉर्डर पर सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक एक विशाल समागम के साथ मनाई जाएगी।

मोर्चा ने पटियाला और फतेहगढ़ साहिब के आसपास के ग्रामीणों को शंभू बॉर्डर कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। पंधेर ने संगठनात्मक एकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि लोगों की भीड़ आंदोलन की सामूहिक ताकत को दर्शाएगी।

मोर्चा नेताओं ने शंभू धरना स्थल पर अधिकाधिक संख्या में लोगों को लामबंद करके अपने प्रयासों को और तेज करने का भी निर्णय लिया। नेतृत्व ने मांग की कि पंजाब सरकार विधानसभा में केंद्र सरकार की निजीकरण-प्रेरित कृषि विपणन नीतियों को खारिज करने तथा धरना की 12 सूत्री मांगों का समर्थन करने के लिए प्रस्ताव पारित करे।

प्रदर्शनकारी कृषि मंडियों के निजीकरण समेत किसान विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने भगवंत मान सरकार से किसानों के समर्थन में निर्णायक कदम उठाने का भी आह्वान किया। पंधेर ने संकेत दिया कि उनके चल रहे आंदोलन के तहत जल्द ही दिल्ली मार्च की घोषणा की जाएगी।

बैठक में जसविंदर सिंह लोंगोवाल, तेजबीर सिंह पंजोखरा साहिब, मलकीत सिंह गुलामीवाला, बीबी सुखविंदर कौर और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। विभिन्न संगठनों के बीच एकता विरोध की बढ़ती गति को उजागर करती है।

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