January 10, 2025
National

सत्ता जाने के डर से अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं केजरीवाल : वीरेंद्र सचदेवा

Kejriwal has lost his mental balance due to fear of losing power: Virendra Sachdeva

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा पीएम मोदी और गृह मंत्री पर जाटों को धोखा देने का आरोप लगाए जाने के बाद भाजपा ने पलटवार किया। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सत्ता जाने के भय से अरविंद केजरीवाल अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “सत्ता जाने के भय से अरविंद केजरीवाल अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। केजरीवाल अपनी सत्ता खोने का बदला दिल्ली वालों से ले रहे हैं। मैं उनसे यही कहूंगा कि वह भाजपा को कोस लें, लेकिन प्लीज दिल्ली में तनाव ना फैलाइए, दिल्ली का विकास रोककर, खजाना लूटकर वह पहले ही बहुत नुकसान कर चुके हैं। अब उन्हें दिल्ली का समुदाय सौहार्द नहीं बिगाड़ना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “दो कुर्सी नाटक से आज के घटिया पोस्टर तक आपने गत 4 माह में हर सुबह दिल्ली वालों को, भाजपा को कोसा है। दिल्ली अब और केजरीवाल को नहीं सह पाएगी। केजरीवाल का आज का पोस्टर उनके चरित्र और हताशा को दर्शाता है। भाजपा इसकी निंदा करती है और अगर उनमें थोड़ी भी नैतिकता बची हो तो इसे वापस लें।”

वीरेंद्र सचदेवा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, “13 सितंबर को माननीय सुप्रीम कोर्ट की सख्त शर्तों के साथ एक कागजी मुख्यमंत्री के रूप में जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने उसी दिन इस्तीफा न देकर राजनीतिक आत्महत्या की थी। 21 सितंबर को आतिशी को अस्थाई मुख्यमंत्री कहकर अरविंद केजरीवाल ने अपनी पुरानी महिला विरोधी सोच को फिर से दर्शाया था। 22 सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय में आतिशी से दो कुर्सी का नाटक करा कर केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद की गरिमा तार-तार की थी। 25 अक्टूबर को विकासपुरी से लेकर 30 नवंबर को ग्रेटर कैलाश पदयात्रा तक अरविंद केजरीवाल ने खुद पर हमले का कार्ड चलाने की भरसक कोशिश की, पर इस बार 2015 के थप्पड़ जैसी झूठी कहानी जमी नहीं।”

उन्होंने आगे कहा, “केजरीवाल पूरा दिसंबर दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक डैमेज कंट्रोल के लिए मुस्लिम रोहिंग्या वोटर जुड़वाने को बेताब दिखे। वहीं नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में तो मृत एवं शिफ्टेड वोटर को बनाए रखने के लिए फड़फड़ाते रहे। 1 जनवरी 2025 को जब लोग खुशियां बांट रहे थे, तब केजरीवाल-मार्लेना ने उपराज्यपाल मंदिर तुड़वा देंगे जैसी झूठी खबर उड़ाकर दिल्ली का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की, पर वह सफल नहीं हुए।”

भाजपा नेता ने राकेश टिकैत और अरविंद केजरीवाल की मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “चार दिन पहले उनसे राकेश टिकैत मिले थे और कल 9 जनवरी को केजरीवाल ने दिल्ली के जाट समाज को राजनीतिक रूप से उकसाने की कोशिश की है, जो शर्मनाक है। 9 जनवरी को ही देर शाम केजरीवाल ने चुनाव अधिकारियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए। अरविंद केजरीवाल हमेशा से पूर्वांचल विरोधी थे, हैं और रहेंगे और यह काला सच कल 9 जनवरी की शाम को एक बार फिर उनके मुंह से निकला। केजरीवाल को बताना चाहिए कि वह पूर्वांचल के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं?”

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