चंडीगढ़ की व्यावसायिक और इंडस्ट्रियल लीज होल्ड संपत्तियों को फ्री होल्ड करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद प्रशासन के अधिकारियों की दिल्ली की दौड़ तेज हो गई है। शुक्रवार को प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। सलाहकार ने बताया कि मंत्रालय की तरफ से कुछ मुद्दों पर सवाल पूछे गए थे जिनका उन्होंने जवाब दिया।
सलाहकार धर्मपाल नई दिल्ली में आयोजित राज्य सहकारिता मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए थे। शुक्रवार को सम्मेलन का आखिरी दिन था। सम्मेलन के खत्म होने के बाद सलाहकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ लीज होल्ड से फ्री होल्ड को लेकर बैठक की। बैठक को लेकर सलाहकार ने कहा कि यूटी प्रशासन चाहता है कि शहर की व्यावसायिक और इंडस्ट्रियल लीज होल्ड संपत्तियां फ्री होल्ड हों इसलिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शुक्रवार को हुई बैठक में लीज होल्ड को लेकर मंत्रालय ने कुछ सवाल प्रशासन से पूछे थे जिसका उनकी तरफ से जवाब दिया गया। उन्होंने बताया कि सोमवार को फिर मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक हो सकती है।
शहर में इस समय लीज होल्ड से फ्री होल्ड का मुद्दा पूरी तरह से गर्माया हुआ है। बीते दिनों प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को भी प्रेसवार्ता करनी पड़ी थी। 6 सितंबर को उन्होंने कहा था कि चंडीगढ़ के विकास के लिए संपत्तियों का फ्री होल्ड होना जरूरी है। फ्री होल्ड होने से लोगों के अंदर भी भावना आएगी कि संपत्ति उनकी है। उद्योग आगे बढ़ेंगे। प्रशासक ने कहा कि वह पहले दिन से फ्री होल्ड के समर्थन में हैं
16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
लीज होल्ड से फ्री होल्ड के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 29 अगस्त को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान प्रशासन ने कोर्ट में एक एक्शन टेकन रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें प्रशासन ने लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने के दो फायदे और पांच नुकसान गिनाए थे। इन सभी नुकसानों को अदालत ने ठीक नहीं माना था और प्रशासन की चिंताओं को काल्पनिक माना था और तीन हफ्ते में उचित फैसला लेने के आदेश दिए। ऐसा नहीं होने पर केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।
चंडीगढ़ में लीज होल्ड संपत्ति
6621 व्यावसायिक
1451 औद्योगिक
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