January 19, 2025
National

मध्य प्रदेश की आबकारी नीति में साधु-संतों की भावना का ख्याल रखा जाएगा

The spirit of saints and sages will be taken care of in the excise policy of Madhya Pradesh: Jagdish Deora

मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी में शराबबंदी को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य की आबकारी नीति में साधु-संतों की भावनाओं का ख्याल रखा जाएगा।

मंदसौर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रदेश में नई शराब नीति साधु-संतों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही लागू की जाएगी। जो भी स्थान धर्मस्य विभाग से धार्मिक नगरी के तौर पर चिह्नित हैं, उन सबके बारे में विचार किया जाएगा।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बयान में कहा है कि जहां शराबबंदी लागू हो जाएगी, वहां कालाबाजारी बढ़ जाएगी। इस सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीतू पटवारी क्या बोलते हैं, भगवान ही मालिक है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि बजट सत्र करीब है इसलिए हमारी सरकार विचार कर रही है कि धार्मिक नगरों के लिए अपनी आबकारी नीति में संशोधन करे और धार्मिक नगरों में शराबबंदी की तरफ बढ़ें।

उन्होंने बताया कि राज्य के कई साधु-संतों और अन्य लोगों ने सुझाव दिए हैं कि धार्मिक नगरों में शराबबंदी की जाए, जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। हम प्रयास कर रहे हैं कि हर हाल में अपने धार्मिक नगरों की सीमा में स्थित आबकारी और शराब दुकान बंद कराएं ताकि धार्मिक वातावरण को लेकर जो शिकायत आती है, उसे खत्म किया जा सके। इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए इस बारे में जल्दी कोई फैसला करेंगे।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नर्मदा नदी के किनारे स्थित शहरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि अनूपपुर जिले के अमरकंटक को पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। नर्मदा नदी के किनारे बसे धार्मिक शहरों और स्थानों में मांस और शराब का सेवन न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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