January 22, 2025
National

आरजी कर मामला: ‘दोषी को मिले सजा-ए-मौत’, हाईकोर्ट में बंगाल सरकार की याचिका पर आज सुनवाई

RG tax case: ‘The culprit should get death penalty’, hearing on Bengal government’s petition in High Court today

कलकत्ता हाईकोर्ट में बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई होगी। राज्य सरकार ने याचिका में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले में कोलकाता की एक विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी है।

विशेष अदालत ने संजय रॉय को ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले में दोषी ठहराया था और सोमवार को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मंगलवार को न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ में याचिका दायर की। याचिका में सरकार ने दोषी के लिए ‘मौत’ की सजा की मांग की है।

कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली और आज इस मामले की सुनवाई होगी। कलकत्ता हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध वाद-सूची के अनुसार, खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी।।

विशेष अदालत ने दोषी संजय रॉय को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोमवार शाम को ऐलान किया था कि राज्य सरकार अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य सरकार दोषी के लिए मौत की सजा की मांग करेगी।

मंगलवार दोपहर को मालदा जिले में राज्य सरकार की एक बैठक को संबोधित करते हुए, राज्य के महाधिवक्ता द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के कुछ घंटों बाद, मुख्यमंत्री ने स्पष्टीकरण दिया कि वह और उनकी सरकार दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग क्यों कर रही है।

महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मंगलवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके कुछ घंटों बाद सीएम ममता ने मालदा जिले में राज्य सरकार की एक बैठक को संबोधित करते हुए स्पष्टीकरण दिया था कि वे और उनकी सरकार दोषी के लिए मौत की मांग पर क्यों जोर दे रही हैं।

सीएम ने कहा था, “उम्रकैद का क्या मतलब है? अक्सर उम्रकैद की सजा पाने वाले कैदियों को पैरोल पर रिहा कर दिया जाता है। यदि कोई दोषी जिंदा है तो इस बात की संभावना है कि वह फिर से वही अपराध कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति ‘अमानवीय’ होना चुनता है, तो समाज उसके प्रति ‘मानवीय’ कैसे हो सकता है? इसलिए हमने दोषी के लिए ‘मृत्युदंड’ की मांग की। यह वास्तव में दुर्लभतम अपराध है।”

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