दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के पलवल सर्कल में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं के आरोपों की जांच जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। यह जांच सीएम विंडो और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) सहित कई स्तरों पर दर्ज शिकायतों के बाद की गई है।
पलवल में एसडीएम कार्यालय ने पलवल और होडल उपविभागों के कार्यकारी अभियंताओं और उप-मंडल अधिकारियों (एसडीओ) सहित डीएचबीवीएन अधिकारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएनएल) योजना के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों, विशेष रूप से सहायक लाइनमैन (एएलएम) की भर्ती से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
जांच की शुरुआत स्थानीय निवासी अमर चंद की शिकायत के बाद हुई, जिन्होंने आरोप लगाया था कि एचकेआरएनएल के माध्यम से नियुक्त 63 कर्मचारियों ने फर्जी या गैर-मान्यता प्राप्त योग्यताएं प्रस्तुत की थीं। चंद ने दावा किया कि “2009 और 2014 के बीच भर्ती किए गए 90% से अधिक कर्मचारियों ने जाली दस्तावेज प्रस्तुत किए।” उनके रिकॉर्ड में सूचीबद्ध संस्थानों से एकत्र की गई जानकारी कथित तौर पर आधिकारिक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती, जिससे घोटाले का संदेह पैदा होता है।
कथित अनियमितताओं में 100 से ज़्यादा कर्मचारी शामिल हैं, जिनकी 2009 से 2014 के बीच की भर्ती की जांच की जा रही है। चंद ने यह भी दावा किया कि इन कर्मचारियों ने संदिग्ध साख के बावजूद 10 से 12 साल तक नौकरी पर बने रहकर विभाग को काफ़ी नुकसान पहुंचाया है।
भर्ती के दौरान उचित दस्तावेज़ सत्यापन की कमी और अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने में देरी को प्रमुख चिंताओं के रूप में उद्धृत किया गया है। शिकायतकर्ता ने पहले फरवरी 2024 में राज्य के बिजली मंत्री कार्यालय, सीएम विंडो और जिला शिकायत पैनल में इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद, मामला एसीबी को सौंप दिया गया।
हालांकि एसीबी की जांच अभी भी जारी है, लेकिन डिप्टी कमिश्नर डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने हाल ही में समानांतर जांच के आदेश दिए हैं। डॉ. वशिष्ठ ने कहा, “मैंने एसडीएम को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।”
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