January 31, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ में तीन शंकराचार्यों ने किया अमृत स्नान, अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले – ‘हो रही आनंद की अनुभूति’

Three Shankaracharyas took nectar bath in Mahakumbh, Avimukteshwaranand Saraswati said – ‘Feeling blissful’

महाकुंभ नगर, 30 जनवरी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर तीन शंकराचार्यों ने अमृत स्नान किया। श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने संगम में डुबकी लगाई।

इस दौरान जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि संगम में डुबकी लगाकर आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है।

द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति का सर्वश्रेष्ठ पर्व है। स्नान से अच्छी अनुभूति हुई है।

वहीं शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती ने कहा कि संगम में स्नान करके पुण्य का भागी बनने का अवसर मिला है। हमें आनंद की अनुभूति हो रही है।

भगदड़ को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ में भगदड़ की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हर कोई दुखी है, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। मैं श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि वे धैर्य रखें और कुंभ क्षेत्र में कहीं भी पवित्र स्नान करें। ऐसा कोई विशिष्ट स्थान नहीं है, जहां श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए एकत्र हों।

महाकुंभ में तीनों शंकराचार्यों के अमृत स्नान करने के बाद साधु-संतों के समूह ने अमृत स्नान किया।

कुंभ मेला क्षेत्र में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के नेतृत्व में जूना अखाड़े के संत संगम घाट पहुंचे। इस दौरान नागा साधुओं ने तलवारें लहराते हुए जयकारे लगाए, जिससे वातावरण में भक्तिमय उल्लास का माहौल बन गया। संतों की टोली ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई।

इसी दौरान निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज भी संगम पहुंचे और उन्होंने भी डुबकी लगाई। इस अवसर पर हेलिकॉप्टर से संतों और श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई।

महाकुंभ में बुधवार तड़के अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान के लिए संगम की ओर रवाना हो रहे थे, तभी भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे हालात बेकाबू हो गए। प्रशासन ने तत्काल कदम उठाते हुए अखाड़ों से अपील की कि संत-साधु स्नान के लिए संगम न जाएं। इसके बाद अखाड़ों के संतों ने एक आपात बैठक बुलाकर स्थिति का जायजा लिया। बैठक में पहले यह निर्णय लिया गया कि मौनी अमावस्या के दिन साधु-संत अमृत स्नान नहीं करेंगे।

स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन ने तीन घंटे के भीतर हालात पर काबू पा लिया। मुख्यमंत्री ने भी अखाड़ों के संतों से बातचीत की और उन्हें संतुष्ट किया। इसके बाद संतों ने अपनी सहमति जताई और मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए जाने का फैसला किया। भगदड़ के बाद स्थिति नियंत्रण में है और प्रशासन लगातार सावधानी बरतते हुए संगम क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्पर है।

Leave feedback about this

  • Service