जींद पुलिस ने जबरन वसूली और ब्लैकमेल के आरोप में एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह जींद पुलिस के एक एसएचओ पर यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। नरवाना के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) ने मामले की जांच की, जिसमें गिरोह के सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोप झूठे पाए गए। पुलिस ने सपना, बिजेंद्र मोर और नीरज नाम की महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि वे एक गिरोह के रूप में काम कर रहे थे, जिसने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजे गए एक अश्लील वीडियो के आधार पर झूठी शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जींद पुलिस को एक एसएचओ के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत मिली थी। शिकायत के तहत वरिष्ठ अधिकारियों को एक वीडियो भेजा गया था। जांच के दौरान पता चला कि वीडियो में जींद का कोई पुलिसकर्मी नहीं है, बल्कि इसे पोर्नोग्राफिक वेबसाइट से डाउनलोड किया गया था।
एसएचओ के खिलाफ मामले में शिकायतकर्ता ने खुद को जींद की शिवानी बताया था और 31 दिसंबर को यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप लगाया था।
पुलिस ने शिकायत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी ने खुलासा किया कि जाजनवाला निवासी बिजेंद्र मोर को एसएचओ के खिलाफ जमीन विवाद के कारण व्यक्तिगत शिकायतें थीं। उसने अपने साथी राजकुमार और अन्य लोगों के साथ मिलकर एसएचओ को झूठा फंसाने और उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की योजना बनाई।
जींद के एसपी राजेश कुमार ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने तीनों लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 308(6), 356(2), 231 व 61 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
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