हिमाचल, नई शिक्षा नीति आने के बाद अब स्कूलों के सिलेबस में, कई सुधार किए जा रहे हैं। स्कूल करिकुलम आधुनिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और कला का मिश्रण होगा। नए सिलेबस में कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ बच्चों को कला की शिक्षा भी दी जाएगी। नेशनल एजुकेशन रिसर्च और टेस्ट काउंसिल ने सभी स्कूलों में, कला शिक्षा के अनिवार्य शिक्षण की सिफारिश की है। इसके लिए सभी स्कूलों में कला शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। कला शिक्षा के एक शिक्षक के लिए एक न्यूनतम योग्यता भी निर्धारित की जाएगी। NCERT के कला एवं सौंदर्यबोध विभाग ने यह सिफारिश ऐसे समय की है, जब नए स्कूल करिकुलम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। इस सिफारिश में न सिर्फ कला को एक विषय के रूप में सभी स्कूलों में पढ़ाने की सिफारिश की गई है, बल्कि इसके मूल्यांकन को जरूरी बताते हुए, परीक्षा परिणाम में इनके अंकों को जोडऩे की पैरवी भी की है।
कला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए NCERT, कला शिक्षा में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने की तैयारी में जुटी है। माना जा रहा है कि अगले साल से शुरू होने वाले चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सों के साथ, इसे भी शुरू कर दिया जाएगा, जिसमें 12वीं तक कला की पढ़ाई करने वाले छात्र सीधे दाखिला ले सकेंगे। वैसे तो अभी तक चार वर्षीय इंटीग्रेटेड B-ed के तहत Ba-B-ed, Bsc- B-ed, Bcom-B-ed, जैसे कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव था। अब Ba-B-ed इन आर्टस एजुकेशन भी shuru होगी। इसके साथ ही स्कूलों में कला की पढ़ाई के लिए नया सिलेबस भी तैयार होगा। यह सारी पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद शुरू की गई है। NCERT ने कला शिक्षा को एक विषय के रूप में पढ़ाने की सिफारिश की है। इसके साथ ही कला शिक्षा का मूल्यांकन आवश्यक बताते हुए इसके अंकों को परिणाम में जोडऩे की बात भी कही गई है, ताकि सभी छात्र और शिक्षक इस विषय को लेकर गंभीर हो सकें।
Himachal
स्कूलों के सिलेबस में किए जा रहे कई सुधार, नई शिक्षा नीति के तहत अब कला शिक्षा अनिवार्य
- September 26, 2022
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