February 5, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ : अदाणी समूह को सेवा कार्यों पर स्वामी ज्ञानानंद ने दिया साधुवाद, कहा- सेवा-सद्भाव सनातन की सबसे बड़ी गरिमा

Mahakumbh: Swami Gyananand thanked Adani Group for its service work, said – service-goodwill is the greatest dignity of Sanatan.

महाकुंभ नगर, 5 फरवरी । प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 में सेवा-सद्भाव को सनातन की विशेष गरिमा बताते हुए महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने अदाणी समूह द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों की सराहना की।

स्वामी ज्ञानानंद एक शिक्षाविद, दार्शनिक, मार्गदर्शक, लेखक और योगी हैं। उन्होंने नैतिकता, मूल्यों, और गीता पर कई किताबें लिखी हैं और व्याख्यान दिए हैं। स्वामी ज्ञानानंद ने महाकुंभ में अदाणी ग्रुप द्वारा चलाई जा रही महाप्रसाद सेवा की विशेष तौर पर सराहना की।

उन्होंने कहा, “यह महाकुंभ का मंगलमय अवसर है जहां पूरे कुंभ क्षेत्र में सत्संग, कथाओं का अमृतपान हो रहा है। इसके अलावा यज्ञ-अनुष्ठान आदि भी अपनी जगह हो रहे हैं। लेकिन सनातन की सबसे बड़ी गरिमा सेवा-सद्भाव है। यहां सेवा को प्राथमिकता देते हुए स्थान-स्थान पर भंडारों का आयोजन हो रहा है। इस संदर्भ में अदाणी ग्रुप द्वारा किया जा रहा सेवाभाव बहुत विशेष और सराहनीय है।”

उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप द्वारा बड़े स्तर पर कुंभ क्षेत्र में भोजन की व्यवस्था की गई है। स्थान-स्थान पर महाप्रसाद वितरण का कार्य रखा गया है। इसके लिए अदाणी ग्रुप को बहुत शुभकामनाएं और साधुवाद।

स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि सामर्थ्य मिलना ईश्वर की कृपा होती है। लेकिन उस सामर्थ्य का सदुपयोग करना ईश्वर की विशेष कृपा है और अगर यह कुंभ क्षेत्र के आसपास हो रहा हो तो ये शानदार प्रयास है। मैं अदाणी ग्रुप को उनके प्रयासों के साथ मंगलकामनाएं देता हूं।

महाकुंभ में अदाणी समूह की ओर से महाप्रसाद वितरण, गीता प्रेस के सौजन्य से आरती संग्रह का निःशुल्क वितरण आदि जैसे सेवा कार्य किए जा रहे हैं। स्वामी ज्ञानानंद ने अदाणी समूह के योगदान को समाज के लिए प्रेरणा स्रोत और लोक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम और अन्य लोगों के लिए एक आदर्श बताया।

उल्लेखनीय है कि ध्यान, सेवा, और मानवता के प्रति समर्पण (सत्संग, सेवा और सुमिरन) जैसे विचारों के लिए समर्पित ज्ञानानंद ने श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति (संगठन) की स्थापना की है। वह 1990 से लगातार ध्यान और प्रार्थनाओं के व्यावहारिक लाभ सिखा रहे हैं और दिन-प्रतिदिन जीवन की समस्याओं और उनके समाधानों के लिए प्रेरणा देते हैं। उन्होंने युवा से लेकर बूढ़ों तक को गीता का ज्ञान देने के लिए जीओ (जी.आई.ई.ओ.) गीता की स्थापना की।

इसके अलावा स्वामी ज्ञानानंद विश्व भर में गीता महोत्सव करवाते आ रहे हैं। उन्होंने मारीशस, लंदन आदि में बड़े-बड़े शहरों में गीता महोत्सव का आयोजन किया है। देश-विदेश में उनके अनुयायी बड़ी संख्या में हैं।

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