साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद पीड़ित परिवार का कहना है कि हमें उम्मीद थी कि सज्जन कुमार को फांसी की सजा मिलेगी। उसे बहुत कम सजा मिली।
दंगा पीड़ित सुरजीत सिंह प्रधान ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि सज्जन कुमार को जो सजा सुनाई गई है वो बहुत कम है। हमें उम्मीद थी कि उसे फांसी की सजा होगी। सज्जन कुमार ने दो सिखों का कत्ल नहीं किया, बल्कि सैकड़ों हमारे सिख भाई-बहनों का नरसंहार हुआ था, दिल्ली में उनके घरों को आग लगाई गई, गलों में टायर डालकर पेट्रोल छिड़क कर उन्हें जलाया गया। उनकी हत्या की गई। यह सब कुछ गांधी परिवार के इशारे पर हुआ। उस वक्त राजीव गांधी ने बड़ा नारा दिया था, “जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है। खून का बदला खून। सज्जन कुमार राजीव गांधी के नजदीक था।
उन्होंने आरोप लगाया कि सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमलनाथ और कई बड़े पुलिस अधिकारियों ने ये कत्लेआम करावाया। चार लाख का जुर्माना बहुत कम है। ये जुर्माना कुछ भी नहीं है। सज्जन कुमार ने सिखों के घर लूट लूटकर हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी बनाई है। हमारी भारत सरकार से मांग है कि जो सज्जन कुमार ने प्रॉपर्टी बनाई उसकी जांच करके एक महीने के अंदर सभी प्रॉपर्टी जब्त की जाए।
उन्होंने आगे कहा कि 1984 में दिल्ली में जो हमारी 800 से 900 बहनें जो विधवा हुई हैं उनको मुआवजा दिया जाए। 25 हजार परिवार जो पंजाब में हैं, जो उस समय पलायन करके आए थे उनको भी मुआवजा दिया जाए। हम पीएम मोदी और अमित शाह का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने 40 साल बाद थोड़ी सी राहत दी है। लेकिन अभी बहुत राहत हमें चाहिए। क्योंकि 10 हजार सिखों का कत्लेआम हुआ था। कानपुर में जो दोषी हैं अभी तक उनको सजा नहीं हुई है। हमारी केंद्र सरकार और अमित शाह से मांग है कि हाईकोर्ट में अपील दायर कर सज्जन कुमार को फांसी की सजा दिलवाएं। सिखों का नरसंहार करने वाले आरोपियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।
दंगा पीड़ित परिवार की महिला गुरदीप कौर ने कहा कि सज्जन कुमार को लेकर जो कोर्ट का फैसला आया है ये हमारे जख्मों के आगे कुछ भी नहीं है। हमें उम्मीद थी कि सज्जन कुमार को फांसी की सजा मिलेगी, क्योंकि उम्रकैद तो ये पहले ही काट रहा है। 85 साल की उम्र में इसे दोबारा उम्रकैद हुई है तो ये कुछ भी नहीं है। पूरी जवानी उसने घर में ऐश में काटी है। इसलिए हम पीएम मोदी और अमित शाह से अनुरोध करते हैं कि सज्जन कुमार की सजा को फांसी में बदलवाया जाए, ताकि हमारे जख्मों पर मरहम लग सके।
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