पंजाब सरकार द्वारा नशा तस्करों पर चलाए जा रहे बुलडोजर का मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (एचसी) पहुंच गया है। इस मामले में दायर जनहित याचिका में दलील दी गई है कि मादक पदार्थ तस्करों की संपत्ति जब्त करना तो उचित है, लेकिन उसे ध्वस्त करना किसी भी स्तर पर उचित नहीं है। सरकार की इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के भी खिलाफ बताया गया है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 4 मार्च के लिए निर्धारित की है। इसके साथ ही पुलिस ने शनिवार को एक ही दिन में 290 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया।
याचिकाकर्ता ने अदालत में दलील दी कि मादक पदार्थों की तस्करी से अर्जित धन से निर्मित संपत्तियों को सील तो किया जा सकता है, लेकिन उन्हें ध्वस्त नहीं किया जा सकता। इस मामले में पंजाब सरकार, लुधियाना प्रशासन और परिवहन विभाग को पक्ष बनाया गया है। अब पंजाब सरकार इस मामले में अपना जवाब दाखिल करेगी।
हालाँकि, सरकार ने पहले ही नशीली दवाओं के तस्करों और उन्हें शरण देने वालों को चेतावनी दे दी थी। मंत्री अमन अरोड़ा ने साफ कहा है कि नशा तस्कर या तो पंजाब छोड़ दें या फिर नशा बेचना बंद करें। तस्करों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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