राजनीतिक रूप से दरकिनार किये जाने से नाराज पूर्व मंत्री और कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक रमेश धवाला (73) ने कल पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी और अपने समर्थकों के साथ ‘रियल बीजेपी’ नाम से एक नया राजनीतिक दल बना लिया।
कांगड़ा जिले में भाजपा के प्रमुख ओबीसी नेता धवाला ने दिसंबर 2022 में देहरा से निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह के खिलाफ पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह चार बार भाजपा विधायक और प्रेम कुमार धूमल सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। पिछले साल छह विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के बाद निर्दलीय विधायक होशियार सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी नेतृत्व के साथ उनके मतभेद उभरे थे। धवाला ने ज्वालामुखी से चार विधानसभा चुनाव लड़े और जीते थे और पार्टी ने उन्हें 2022 में देहरा से मैदान में उतारा और निर्दलीय उम्मीदवार से हार गए।
रविवार को द ट्रिब्यून से बात करते हुए धवाला ने मौजूदा राज्य नेतृत्व पर आरोप लगाया कि वह राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं की गरिमा को बचाने के लिए उन्हें पार्टी में यह नया मंच बनाने के लिए मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है और ‘असली भाजपा’ पार्टी के भीतर एक राजनीतिक मंच है।
उन्होंने दुख जताते हुए कहा, “हर्ष महाजन को राज्यसभा सदस्य बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व ने मौजूदा कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के राजनीतिक करियर को खतरे में डाल दिया है तथा राज्य में भाजपा के मूल जन-आधारित नेताओं के राजनीतिक भविष्य को बर्बाद कर दिया है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता और नेता, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राज्य में भाजपा को मजबूत करने में लगा दिया, परेशान और निराश हैं। उन्होंने कहा, “पार्टी के नेता या कार्यकर्ता, जो पिछले चार दशकों से भाजपा में काम कर रहे हैं, असली पार्टी कार्यकर्ता हैं, लेकिन अब निहित स्वार्थ वाले बाहरी लोगों ने पार्टी को हाईजैक कर लिया है, जिससे पूरे राज्य में कैडर भ्रमित हो गए हैं।”
धवाला ने बताया कि उन्होंने देहरा उपमंडल में अपने राजनीतिक संगठन के क्रमश: ढलियारा और हरिपुर मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर और चौधरी मनी राम को नियुक्त किया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि 25-26 मार्च को एक बैठक होगी, जिसमें ‘असली भाजपा’ की भावी रणनीति तैयार की जाएगी।
पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए धवाला ने कहा कि ‘असली भाजपा’ को राज्य के लोगों की मान्यता तथा राजनीतिक रूप से उपेक्षित भाजपा कार्यकर्ताओं का पूर्ण समर्थन मिलेगा तथा इसके लिए उन लोगों की मान्यता की आवश्यकता नहीं है जिनके पास कोई सिद्धांत नहीं है।
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