March 3, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ 2025 : वैश्विक पटल पर भीड़ प्रबंधन का उत्कृष्ट मॉडल

Maha Kumbh 2025: An excellent model of crowd management on the global stage

प्रयागराज, 3 मार्च । प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ ने न केवल सनातन धर्म की आध्यात्मिक महिमा को प्रदर्शित किया, बल्कि भीड़ प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान भी स्थापित किया। इस मेले में औसतन प्रतिदिन 1.5 से 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया और बिना किसी अवरोध के अपने गंतव्य को लौटे।

इतनी विशाल संख्या में लोगों का प्रबंधन करना अपने आप में एक चुनौती थी, जिसे शासन और प्रशासन ने अपनी सूझबूझ से एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया।

45 दिन तक चले इस महाआयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भागीदारी की। यह संख्या भारत की कुल आबादी की करीब आधी है। यही नहीं, इन 45 दिनों में महाकुंभ नगर भारत और चीन के बाद तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला क्षेत्र बन गया।

महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई थी। आने और जाने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए, जिससे भीड़ का प्रवाह सुचारू रहा। कंट्रोल रूम से 24×7 निगरानी सुनिश्चित की गई, ताकि किसी भी स्थिति में किसी एक जगह ज्यादा भीड़ एकत्रित होने पर त्वरित कार्रवाई हो सके।

इसके अतिरिक्त विभिन्न दिशाओं से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल बनाए गए, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो। यह प्रबंधन न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का विषय बना।

वैश्विक स्तर पर भीड़ प्रबंधन के कुछ अन्य उदाहरण भी उल्लेखनीय हैं। सऊदी अरब में हज के दौरान हर साल लाखों मुस्लिम मक्का पहुंचते हैं। वहां डिजिटल तकनीक और मार्ग नियोजन से भीड़ को नियंत्रित किया जाता है। इसी तरह, ब्राजील के कार्निवल में भी लाखों लोग शामिल होते हैं, जहां पुलिस और प्रशासनिक समन्वय से व्यवस्था बनाए रखी जाती है।

हालांकि, महाकुंभ की विशालता और इसकी जटिलता इसे अद्वितीय बनाती है। हज और कार्निवल में जहां अधिकतम 20 से 25 लाख लोगों का प्रबंधन किया जाता है, वहीं महाकुंभ में प्रतिदिन 1 से 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

मौनी अमावस्या पर यह सर्वाधिक 8 करोड़ तक पहुंच गई। 45 दिनों में दो बार यह 5 करोड़ या इससे अधिक, तीन बार 3.5 करोड़ या इससे अधिक, 5 बार 2 करोड़ से अधिक और कुल 30 बार एक करोड़ या इससे अधिक रही। इसकी तुलना दुनिया में किसी आयोजन से नहीं हो सकती।

महाकुंभ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कैमरों, ड्रोन और होल्डिंग एरिया जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग भी किया गया। यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक बना, बल्कि भीड़ प्रबंधन के क्षेत्र में एक वैश्विक मानक स्थापित कर गया। उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की यह सफलता भविष्य के बड़े आयोजनों के लिए प्रेरणा बनेगी।

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