मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर धान उपार्जन घोटाले के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने प्रदेश में कई जिलों में शुक्रवार को छापेमारी की।
सीएम मोहन यादव ने इस घोटाले पर नियंत्रण करने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। निर्देशानुसार ईओडब्ल्यू ने 25 टीमें बनाकर प्रदेशव्यापी कार्रवाई की। टीम ने बालाघाट, जबलपुर, डिंडोरी, रीवा, सतना, मैहर, सागर, पन्ना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, श्योपुर आदि 12 जिलों की 150 उपार्जन समितियों एवं 140 वेयर हाउसेस को चेक किया गया। अभी तक की कार्रवाई में 19,910.53 क्विंटल धान की हेराफेरी पाई गई।
सतना जिले के कनक वेयर हाउस में 535 क्विंटल धान के स्थान पर भूसी पाई गई। वेयर हाउस में सेवा सहकारी समिति पिंडरा एवं सेवा सहकारी समिति हिरौंदी जिला सतना द्वारा धान का स्टोरेज किया गया है।
ईओडब्ल्यू की कार्रवाई लगातार जारी है। अभी और भी कई समितियों में घोटाला पाया जाना संभावित है। ईओडब्ल्यू ट्रांसपोर्ट्स, वेयर हाउसेस और राइस मिलों की भूमिका के संबंध में संबंध में जांच की जा रही है। विभिन्न उपार्जन समितियों के 79 से अधिक पदाधिकारियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, कई धान उपार्जन समितियों द्वारा किसानों का फर्जी रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है और बिना धान लिए ही ई-उपार्जन पोर्टल पर उपार्जन की फर्जी एंट्री कर दी जाती है, तत्पश्चात ट्रांसपोर्ट एवं वेयरहाउस का भी रिकॉर्ड तैयार कर लिया जाता है, समिति द्वारा एंट्री की गई मात्रा के आधार पर भुगतान कर दिया जाता है। इस फर्जीवाड़े से हर साल शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचती है। इस फर्जीवाड़े में उपार्जन समिति के पदाधिकारियों के अलावा कुछ ट्रांसपोर्टर, वेयरहाउस तथा राइस मिलें भी शामिल हो सकती हैं।
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