आज ‘जन औषधि दिवस’ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर, इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 7 मार्च को यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) ने स्वास्थ्य सेवा को बदल दिया है। इसका मंत्र सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली किफायती दवाइयां हैं।
जेपी नड्डा ने कहा कि देश भर में 15 हजार से अधिक जन औषधि केंद्रों के साथ, यह योजना प्रतिदिन 10 लाख लोगों की मदद करती है। जन औषधि केंद्रों पर लोगों को दवाइयां बाजार से 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत कम कीमत पर मिलती हैं, जिससे अब तक 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। इससे अनगिनत परिवारों के इलाज का बोझ कम हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस योजना में 2,047 दवाइयां और 300 सर्जिकल सामान शामिल हैं, जो अलग-अलग स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करते हैं। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त जांच, सही खरीद प्रक्रिया और मजबूत आपूर्ति व्यवस्था का ध्यान रखा जाता है, जिसे पीएमबीआई संभालती है।
द्यमिता और समावेश को बढ़ावा देने के लिए, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं और दूरदराज के इलाकों में व्यापार करने वालों को विशेष सहायता प्रदान करती है। भारत से बाहर भी इसका विस्तार शुरू हो गया है। पहला विदेशी जन औषधि केंद्र मॉरीशस में खोला गया। 2027 तक 25 हजार केंद्र खोलने का लक्ष्य है, जिससे किफायती स्वास्थ्य सेवा और मजबूत होगी।
जेपी नड्डा ने कहा कि 7 मार्च को जन औषधि दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो इसके प्रभाव को दर्शाता है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि अपने नजदीकी जन औषधि केंद्र पर जाएं, वहां की दवाइयों को आजमाएं और उनकी गुणवत्ता व किफायती कीमत का अनुभव करें। अगर आप पहले से जन औषधि दवाइयों का लाभ ले रहे हैं, तो अपने अनुभव को दूसरों के साथ साझा करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा का फायदा उठा सकें।
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