यमुनानगर की एक कॉलोनी में आठ साल की बच्ची के साथ उसके तीन चचेरे भाइयों ने कथित तौर पर यौन शोषण किया। पीड़िता को यमुनानगर जिले के छछरौली कस्बे में चाइल्ड होम/बालकुंज (लड़कियों) में भेज दिया गया है। आरोपियों में से एक, जो बालिग है, को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य दो नाबालिग हैं, जिन्हें पकड़ लिया गया है।
यमुनानगर के कार्यवाहक जिला बाल संरक्षण अधिकारी रंजन शर्मा ने बताया कि यमुनानगर का एक व्यक्ति अपनी आठ वर्षीय बेटी के साथ 3 मार्च को जिला बाल संरक्षण इकाई के पास पहुंचा था। वह व्यक्ति मजदूर था और अक्सर किराए के कमरे बदलता रहता था। उसने बताया कि उसकी पत्नी का निधन हो गया है और वह अपनी बेटी को बालकुंज, छछरौली भेजना चाहता है।
रंजन शर्मा ने बताया, “बाल कल्याण समिति के निर्देश पर आठ वर्षीय लड़की को छछरौली स्थित बाल गृह में भेज दिया गया। काउंसलिंग के दौरान लड़की ने बताया कि उसे पेट में दर्द हो रहा था। उसने आगे बताया कि उसके तीन चचेरे भाइयों ने कई बार उसका यौन शोषण किया है – एक उसके चाचा का बेटा और दो उसकी बुआ के बेटे हैं।”
लड़की के बयान के बाद 7 मार्च को महिला थाना यमुनानगर में तीनों युवकों के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया। यह कार्रवाई बाल कल्याण समिति सदस्य एडवोकेट नीरा जैन, पवन बटार व रेणु रानी के निर्देश पर की गई।
महिला पुलिस थाने की एसएचओ बलजीत कौर ने पुष्टि की कि मेडिकल जांच में यौन शोषण के आरोपों की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा, “एक आरोपी, जिसकी पहचान गुरसिमरन सिंह (पीड़िता की बुआ के बेटे) के रूप में हुई है, को 8 मार्च को गिरफ्तार किया गया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कल दो नाबालिगों को पकड़ लिया गया और उन्हें करनाल के ऑब्जर्वेशन होम में भेज दिया गया है।”
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