March 10, 2025
Entertainment

आईफा में अभ‍िनेता ताहा शाह बदुशा बोले, महिलाओं की सपोर्ट करने वाली फिल्म है ‘पारो’

Actor Taha Shah Badusha said at IIFA, ‘Paro’ is a film that supports women

अभिनेता ताहा शाह बदुशा जयपुर में आयोजित आईफा अवॉर्ड फंक्शन में काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने अपनी अगली फिल्म ‘पारो : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ब्राइड स्लेवरी’ के बारे में बात की। अभिनेता का कहना है कि यह महिलाओं का समर्थन करने वाली फिल्म है, जो उनकी कहानी को एक अलग अंदाज में दिखाती है। अपकमिंग फिल्म के बारे में ताहा ने बात की और बताया कि यह फिल्म शानदार है। उन्होंने कहा, “यह महिलाओं की सपोर्ट करने वाली फिल्म है। ‘पारो’ दुल्हन की गुलामी पर आधारित सामाजिक समस्या पर रोशनी डालती फिल्म है।”

गजेंद्र विट्ठल अहिरे के निर्देशन में बनी ‘पारो’ चांद नामक एक किरदार की कहानी को पर्दे पर उतारती है, जो दुल्हन के रूप में बेची जाती है, उसके साथ दुर्व्यवहार होता है। अभिनेता ने बताया कि संजय लीला भंसाली की सीरीज ‘हीरमंडी: द डायमंड बाजार’ में काम करने के बाद उनका जीवन कैसे बदल गया। उन्होंने कहा, “संजय लीला भंसाली की बदौलत जीवन 180 डिग्री बदल गया है। उन्होंने मुझे जीवन में बड़ा ब्रेक दिया। जीवन बदल गया है और अब बहुत व्यस्त भी हो गया है। मैंने हमेशा खुद को काम में व्यस्त रखा है, कभी खाली नहीं रखा।

‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लाहौर के हीरा मंडी के रेड-लाइट जिले में तवायफों के जीवन के बारे में है। इसमें मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, ऋचा चड्ढा, संजीदा शेख, शर्मिन सहगल मेहता और ताहा शाह बदुशा अहम भूमिकाओं में हैं। फिल्म ‘पारो उन महिलाओं के बुनियादी मानवाधिकारों की लड़ाई है, जो पितृसत्तात्मक व्यवस्था की सताई हुई हैं, जिसके कारण उन्हें गुलामी का सामना करना पड़ता है। यह गुलामी में फंसी महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली क्रूर वास्तविकताओं को दिखाती है।

फिल्म के बारे में अभिनेत्री तृप्ति ने बताया था, “इन कहानियों को सबके सामने लेकर आना केवल जागरूकता बढ़ाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के लिए जमीनी स्तर पर वास्तविक बदलाव लाने के बारे में है। यह फिल्म उनके बुनियादी मानवाधिकारों के लिए मेरी लड़ाई है।’ गजेंद्र अहिरे के निर्देशन में बनी इस फिल्‍म का निर्माण संदीप शारदा और प्रिया सामंत ने किया है। सतीश चक्रवर्ती ने इसे संगीत में पिरोया है।

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