10 दिन की पुलिस रिमांड में संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान ने आखिरकार कबूल कर लिया है कि उसे अयोध्या में राम मंदिर पर हमला करने का काम सौंपा गया था। इस खुलासे के बाद फरीदाबाद पुलिस ने उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रिमांड के बाद उसे गुरुवार को शहर की एक अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मामले की जांच अब एसीपी रैंक के अधिकारी करेंगे।
जांच के दौरान पलवल की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रहमान के कब्जे से चार मोबाइल फोन भी बरामद किए थे। जब उसे हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया तो उसके पास से दो मोबाइल फोन भी बरामद हुए। आरोपी ने खुलासा किया कि वह इन फोन का इस्तेमाल आतंकी संगठन से संपर्क में रहने के लिए करता था।
एसटीएफ के एक वरिष्ठ जांचकर्ता ने बताया, “रहमान ने खुलासा किया कि उसने करीब एक साल पहले आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट-खोरासन प्रांत (आईएसकेपी) की शपथ ली थी, जो सलाफी जिहादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) की एक क्षेत्रीय शाखा है। पिछले साल अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उसने आतंकवादी संगठन के निर्देशों पर काम करना शुरू कर दिया था। वीडियो कॉल के जरिए उसका ब्रेनवॉश किया गया और उसे आपत्तिजनक जानकारी दी गई। वीडियो कॉलिंग की ट्रेनिंग से प्रेरित होकर उसने मंदिर की रेकी की। अब हम उस अज्ञात हैंडलर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसने उसे पाली गांव पहुंचने का स्थान दिया था और हम उस ऑटो चालक की भी तलाश कर रहे हैं जो उसे पाली लेकर गया था।”
यह भी पता चला कि आतंकवादियों ने 6 अप्रैल को राम नवमी पर मंदिर पर हमला करने की योजना बनाई थी। एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने कबूल किया है कि लक्ष्य राम मंदिर था, लेकिन तारीख और समय अभी तक तय नहीं किया गया है।
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