ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में आज होला मोहल्ला के पावन अवसर पर भव्य नगर कीर्तन (धार्मिक जुलूस) निकाला गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भक्ति भजनों और प्रार्थनाओं में डूब गए।
नगर कीर्तन दोपहर 1 बजे गुरुद्वारा श्री पौंटा साहिब से शुरू हुआ और गीता भवन, मुख्य बाजार और बद्रीपुर चौक से होते हुए गुरुद्वारा वापस लौटा। रास्ते में श्रद्धालुओं के लिए जलपान और प्रसाद की कई दुकानें लगाई गई थीं। जुलूस का नेतृत्व पंज प्यारे कर रहे थे, जिसके बाद सिख विरासत और परंपराओं को दर्शाती झांकी ने संगत का मन मोह लिया।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गतका प्रदर्शन था – जो युवा समूहों द्वारा किया जाने वाला एक प्राचीन सिख मार्शल आर्ट है। दर्शकों ने हथियारों और युद्ध तकनीकों के कुशल प्रदर्शन की प्रशंसा की, जो सिख इतिहास में बहादुरी और आत्मरक्षा का प्रतीक है। नगर कीर्तन का समापन शानदार आतिशबाजी के साथ हुआ, जिसने इस अवसर के आध्यात्मिक उत्साह को और बढ़ा दिया।
होला मोहल्ला, एक महत्वपूर्ण सिख त्यौहार है, जो हर साल दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह से जुड़े शहर पांवटा साहिब में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। गुरु गोबिंद सिंह ने कई वर्षों तक यहां निवास किया और साहस, धार्मिकता और भक्ति की शिक्षाएं दीं। गुरु द्वारा स्वयं शुरू किए गए इस त्यौहार में जुलूस, मार्शल आर्ट और भक्ति सभाओं के माध्यम से सिख वीरता और आध्यात्मिकता को प्रदर्शित किया जाता है।
इस भव्य समारोह में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य मीत प्रधान जोगा सिंह, प्रबंधक जागीर सिंह, महासचिव हरप्रीत सिंह और सहायक प्रबंधक गुरमीत सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिससे यह अवसर सचमुच यादगार बन गया।
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