पूर्व कांग्रेस विधायक बंबर ठाकुर के गोली लगने की घटना में शामिल होने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान बिलासपुर के श्री नैना देवी जी तहसील के धरोट गांव निवासी रोहित कुमार राणा (29), बिलासपुर के बिनौला गांव निवासी मनजीत सिंह नड्डा (33) और बिलासपुर के घुमारवीं तहसील के रोहिन गांव निवासी रितेश शर्मा उर्फ रिशु (24) के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों में से एक रितेश ने ठाकुर के आवास के बाहर गोली चलाने के बाद शूटरों को अपने वाहन में अपराध स्थल से फरार होने में मदद की थी, जबकि अन्य दो आरोपियों की भूमिका अभी निर्धारित नहीं हुई है।
बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संदीप धवल ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिनियम 2023 की धारा 109 (हत्या का प्रयास), 3 (5) (संयुक्त आपराधिक दायित्व) और शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25-54-59 के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और घटना में शामिल शूटरों की पहचान की जा रही है।
14 मार्च को बिलासपुर में बंबर ठाकुर के घर पर करीब चार अज्ञात हमलावरों ने हमला किया और करीब 12 राउंड गोलियां चलाईं। ठाकुर की जांघ में गोली लगी। इस घटना में उनके पीएसओ और एक अन्य व्यक्ति भी घायल हो गए। ठाकुर को आगे के इलाज के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) लाया गया, जबकि उनके पीएसओ को इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), बिलासपुर ले जाया गया। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान ठाकुर ने दावा किया था कि यह हमला ड्रग माफिया द्वारा करवाया गया था, क्योंकि उन्होंने ‘चिट्टा’ के खिलाफ आवाज उठाई थी।
इस घटना की विपक्ष के नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। इनमें विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर भी शामिल हैं। उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और घटना में शामिल आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश पुलिस ने मामले की जांच के लिए उप महानिरीक्षक (डीआईजी), सेंट्रल रेंज सौम्या सांबशिवन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी की निगरानी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) ज्ञानेश्वर सिंह कर रहे हैं।
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