भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के निर्देशन में सामाजिक संस्था युवा विकास केंद्र कांगड़ा द्वारा कांगड़ा जिले के जसवां विधानसभा क्षेत्र के राजकीय महाविद्यालय कोटला बहेहड़ में दो दिवसीय धौलाधार महोत्सव का आयोजन किया गया। शनिवार को समापन समारोह में पारंपरिक लोक कला एवं संस्कृति को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से लोकगीत, संगीत एवं नृत्य की जीवंत प्रस्तुतियां दी गईं।
कॉलेज के छात्रों और स्थानीय लोक कलाकारों ने मंच संभाला और मनमोहक लोकगीत और नृत्य प्रस्तुत किए, जिसका दर्शकों ने जोरदार तालियों से स्वागत किया। नाटी, गिद्दा और झमकारा सहित पारंपरिक प्रस्तुतियों ने कला और संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया।
युवा विकास केंद्र के निदेशक करण भूषण ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को सक्रिय रूप से संरक्षित और बढ़ावा दें, साथ ही सामाजिक विकास में भी योगदान दें। उन्होंने नशे से दूर रहने पर जोर देते हुए कहा कि भारत की हिमालयी संस्कृति एक अमूल्य विरासत है और इसका संरक्षण समय की मांग है।
शिक्षाविद् एवं प्रधानाचार्य विजय कुमारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए आधुनिकता की ओर बढ़ते आकर्षण के कारण युवा पीढ़ी के अपनी सांस्कृतिक जड़ों से दूर होते जाने पर चिंता व्यक्त की। युवा विकास केंद्र संस्कृति मंत्रालय से संबद्ध है और वर्तमान में केंद्र प्रायोजित योजना ‘हिमालय की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण’ के तहत संचालित होता है।
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