नागपुर हिंसा ने सिर्फ महाराष्ट्र को ही नहीं बल्कि देश को भी हिलाकर रख दिया है। इस हिंसा पर विपक्ष द्वारा जमकर राजनीति हो रही है। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हो रहे प्रदर्शन के बीच हुई इस हिंसा ने देश में नई बहस छेड़ दी है। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। रांची से भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक सीपी सिंह ने कड़े शब्दों में नागपुर हिंसा की निंदा की।
सीपी सिंह ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नागपुर में ऐसा हुआ। मैं समझता हूं कि ऐसी हिंसा करने वाले लोगों के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही आदमी हैं, हिंसा करवाने और करने वालों की मानसिकता को वह ठीक कर देंगे। उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल देश है। यहां रहने वाले सभी लोगों को अपना त्योहार मनाने की आजादी है। रमजान का पाक महीना चल रहा है और इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। सीपी सिंह ने उन लोगों पर भी कड़ा प्रहार किया है जो औरंगजेब की तारीफ और अपना पूर्वज बताते हैं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की तारीफ करना गलत है। औरंगजेब इनके पूर्वज नहीं हो सकते हैं। इनके पूर्वज भी सनातनी थे। चाहे तो डीएनए टेस्ट भी करा सकते हैं।
बता दें कि नागपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को जोरदार हंगाामा हुआ। विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि यह हिंसा एक अफवाह से शुरू हुई, जिसमें कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी चादर पर धार्मिक चिह्न था, जिसे जलाया गया। शाम को यह अफवाह फैली और देखते ही देखते हालात बिगड़ गए, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। हिंसा में 12 दोपहिया वाहन तोड़े गए और एक क्रेन, दो जेसीबी तथा कुछ चार-पहिया वाहनों में आग लगा दी गई। घटनास्थल पर 80 से 100 लोग जमा हो गए थे। कुछ लोगों पर तलवार से हमला हुआ। उन्होंने कहा कि हालात तब और गंभीर हो गए, जब एक पुलिसकर्मी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा, पांच आम लोगों को भी चोटें आईं।
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