परिसीमन के मुद्दे पर सियासत जारी है। इस बीच, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने परिसीमन को लेकर विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एमके स्टालिन राजनीतिक लाभ के लिए परिसीमन को मुद्दा बना रहे हैं।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “परिसीमन एक स्थापित प्रक्रिया है, लेकिन तमिलनाडु के लोग, खासकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, इसे राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा बना रहे हैं, जबकि वास्तव में यह चिंता का विषय नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि सीएम स्टालिन की राजनीतिक जमीन खिसक रही है, इसलिए वे अपनी राजनीति को बचाने के लिए परिसीमन को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले जनगणना होगी और उसके बाद परिसीमन होगा। फिलहाल दूर-दूर तक इस मुद्दे को लेकर कोई चर्चा नहीं है।”
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर असदुद्दीन ओवैसी के बयान को लेकर प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “पूरे देश ने देखा है कि किस तरह से कुछ भू-माफियाओं द्वारा वक्फ के नाम पर जमीन हड़पी गई, जिससे कानून में बदलाव की जरूरत उजागर हुई। वक्फ पर जेपीसी ने देश भर में व्यापक चर्चा की और समाज के सभी वर्गों से परामर्श किया। इनपुट एकत्र करने के बाद जेपीसी की रिपोर्ट सदन में पेश की गई। अब निर्णय लोकसभा का है, वहां इस पर क्या फैसला लिया जाता है।”
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी टेंडरों में मुस्लिम ठेकेदारों को 4 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सवाल यह उठता है कि क्या कर्नाटक की कांग्रेस सरकार केवल मुस्लिम समुदाय को ही आरक्षण देगी। क्या कर्नाटक में ऐसे कई अन्य वर्ग नहीं हैं, जिन्हें सामाजिक और आर्थिक उत्थान की आवश्यकता है? क्या कर्नाटक सरकार उनकी जरूरतों को नजरअंदाज करेगी? कर्नाटक सरकार को इस मामले पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए।”
छत्रपति शिवाजी महाराज की आगरा में प्रतिमा स्थापित किए जाने पर उन्होंने कहा, “यह देश के लिए गौरव की बात होगी, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देश के गौरव हैं और औरंगजेब एक आक्रांता है। हर वो स्थान, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज रहे, वो हम सबके लिए आदर के योग्य हैं। अगर ऐसा स्मारक बनता है तो ये देश के लोगों को प्रेरित करेगा।”
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