April 1, 2025
National

स्वास्थ्य निधि का पूरा पैसा इस्तेमाल नहीं कर सकी पंजाब सरकार, कैग रिपोर्ट में खुलासा

Punjab government could not use the entire money of health fund, CAG report revealed

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने मंगलवार को कहा कि पंजाब सरकार द्वारा आवंटित बजट में से 6.5 से 20.74 प्रतिशत तक स्वास्थ्य निधि का उपयोग नहीं किया गया।

विधानसभा में रखी गई सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन की 2024 की निष्पादन लेखापरीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार 2021-22 के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं पर अपने कुल व्यय का केवल 3.11 प्रतिशत और जीएसडीपी का 0.68 प्रतिशत ही खर्च कर सकी, जो बजट के आठ प्रतिशत और जीएसडीपी के 2.50 प्रतिशत से काफी कम है।

प्रत्येक वर्ष के लिए राज्य कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाएं 10 से 108 दिनों की देरी के साथ केंद्र सरकार को प्रस्तुत की गईं, जिससे अंततः अनुमोदन में देरी हुई और इसके परिणामस्वरूप धन की प्राप्ति में देरी हुई।

कैग ने कहा कि मार्च 2022 तक पंजाब निरोगी योजना के तहत पंजाब निरोगी सोसायटी (4.92 करोड़ रुपये) और मुख्यमंत्री पंजाब कैंसर राहत कोष योजना (76.81 करोड़ रुपये) के पास सरकारी खाते के बाहर भारी मात्रा में सरकारी धन अप्रयुक्त पड़ा हुआ था। इसके अलावा, राजिंदरा अस्पताल, पटियाला द्वारा 2021-22 तक एकत्र किए गए 1.94 करोड़ रुपये के उपयोगकर्ता शुल्क और पंजाब स्वास्थ्य प्रणाली निगम को हस्तांतरित 85.70 करोड़ रुपये की रियायती शुल्क राशि भी कोडल प्रावधानों के उल्लंघन में सरकारी खाते के बाहर पड़ी हुई थी।

पंजाब में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, परिवार कल्याण, कायाकल्प और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) आदि जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाओं का कार्यान्वयन संबंधित योजनाओं के लिए निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप नहीं था।

इसमें कहा गया है कि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आवंटित धनराशि के उपयोग में कमी थी। परिवार कल्याण योजना और जननी सुरक्षा योजना के तहत वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन का भुगतान न किए जाने के मामले भी सामने आए हैं।

कायाकल्प का दर्जा पाने की आकांक्षा रखने वाले स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है और राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों से प्रमाणित स्वास्थ्य संस्थानों में भी स्थिर वृद्धि नहीं देखी गई है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मोबाइल स्वास्थ्य टीमें अपर्याप्त कर्मचारियों के साथ काम कर रही थीं, जिससे बच्चों की जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए जाने के बावजूद मोबाइल स्वास्थ्य टीमों के पास आयरन और फोलिक एसिड तथा एल्बेंडाजोल को छोड़कर कोई भी आवश्यक दवा, ड्रॉप्स और मलहम उपलब्ध नहीं थे।

कैग ने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मेदारीपूर्ण प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए परिकल्पित नियामक तंत्र प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहा है।

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