June 13, 2025
National

पीएम मोदी ने दूसरे के विचारों का सम्मान करने का निर्देश दिया : दीक्षाभूमि के सचिव राजेंद्र गवई

PM Modi instructed to respect the views of others: Deekshabhoomi secretary Rajendra Gawai

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर का दौरा किया। इस दौरान वे दीक्षाभूमि भी गए और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी के दौरे के बाद दीक्षाभूमि समिति के सचिव राजेंद्र गवई ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की।

नागपुर की दीक्षाभूमि समिति के सचिव राजेंद्र गवई ने बताया कि नागपुर दो वजहों से प्रसिद्ध है। एक संघभूमि के कारण और दूसरा दीक्षाभूमि, जिसमें अलग-अलग विचार हैं। पीएम मोदी संघभूमि पर आए और साथ ही दीक्षाभूमि का भी दौरा किया। डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों का उन्होंने अभिवादन किया। जब इंसान अपने विचारों का आदर करता है, तो उसे दूसरे के विचारों का आदर भी करना चाहिए, यही संविधान में भी लिखा है। पीएम मोदी ने भी यही संदेश दिया।

उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने दीक्षाभूमि में सर्वप्रथम डॉ. भीमराव अंबेडकर के अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित किए। उसके बाद भगवान बुद्ध के सामने मोमबत्ती जलाई और बुद्ध वंदना की। ट्रस्ट ने उन्हें बुके, गुलदस्ता और मोमेंटो दिया।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी पीएम मोदी के नागपुर दौरे का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “गुड़ी पड़वा और नववर्ष की सभी नागरिकों को बहुत-बहुत बधाई। बहुत खुशी की बात है कि पीएम मोदी नागपुर के दौरे पर हैं। उन्होंने आरएसएस के कार्यालय के कार्यक्रम में भाग लिया। मुझे उम्मीद है कि हम विकसित भारत बनाने में सफल होंगे, जो सभी के लिए गर्व का विषय होगा।”

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने रविवार को नागपुर स्थित दीक्षाभूमि का दौरा किया और डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां उन्होंने 1956 में अपने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी थे। पीएम मोदी का स्वागत दीक्षाभूमि के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन शुरेई ससाई ने किया। प्रधानमंत्री ने महात्मा बुद्ध की पूजा-अर्चना भी की।

पीएम नरेंद्र मोदी ने दीक्षाभूमि की रिकॉर्ड बुक में खास संदेश लिखा। उन्होंने बुक में लिखा, “बाबा साहेब के पंच तीर्थों में से एक नागपुर स्थित दीक्षाभूमि में आने का सौभाग्य पाकर अभिभूत हूं। इस पवित्र स्थल के वातावरण में बाबा साहेब के सामाजिक समरसता, समानता और न्याय के सिद्धांतों का सहज अनुभव होता है। दीक्षाभूमि हमें गरीबों, वंचितों और जरूरतमंदों के लिए समान अधिकार और न्याय की व्यवस्था के साथ आगे बढ़ने की ऊर्जा प्रदान करती है।”

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