जालंधर : इस मौसम में देर से बुवाई के कारण कटाई में देरी के साथ-साथ हाल ही में हुई बारिश के कारण जिले में पिछले वर्षों की तुलना में पराली जलाने के मामले कम हुए हैं।
जबकि नवांशहर जिले में पिछले साल लगभग 300 से अधिक मामलों के मुकाबले अब तक केवल एक ही पराली जलाने का मामला दर्ज किया गया है, जबकि होशियारपुर में तीन मामले दर्ज किए गए हैं।
कपूरथला में धान की पराली जलाने के लगभग 70 मामले और जालंधर में इस साल 107 घटनाओं के साथ स्थिति अपेक्षाकृत खराब है।
नवांशहर के उपायुक्त (डीसी) नवजोत पाल सिंह रंधावा ने कहा कि पिछले साल की गई ‘लाल प्रविष्टियां’ शायद इस साल कम आग लगने का कारण थीं। डीसी ने कहा, “हम अकेले मामले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।”
होशियारपुर के मुख्य कृषि अधिकारी गुरदेव सिंह ने कहा: “खेत में आग के तीन मामलों में से हमने किसानों पर 2,500 रुपये प्रति एकड़ का जुर्माना लगाया है।”
जालंधर के डीसी जसप्रीत सिंह ने कहा कि पराली जलाने के मामले पिछले वर्षों की तुलना में कम हैं।
ऐसी खबरें हैं कि किसान पराली जलाने के लिए दिवाली का इंतजार कर रहे हैं, यह पटाखे फोड़ने के कारण लगी आकस्मिक आग का मामला है।
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