पश्चिम बंगाल के कई जिलों में जारी हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजियां थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। एनडीए के तमाम नेता ममता सरकार पर हमलावर हैं। इसी कड़ी में शिवसेना नेता राजू वाघमारे की भी टिप्पणी सामने आई है। वाघमारे ने प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल में हो रही हिंसा के पीछे तुष्टिकरण की राजनीति है।
राजू वाघमारे ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि ममता बनर्जी बतौर मुख्यमंत्री पूरी तरह से विफल साबित हुई हैं। जब एक मुख्यमंत्री खुद तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देती हैं, तो समाज में असंतुलन और हिंसा जैसे हालात पैदा होना स्वाभाविक है। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वक्फ कमेटी के साथ बैठकें तो कर रही हैं, लेकिन उन हिंदुओं से मिलने का वक्त नहीं निकाल रही हैं, जिनके परिजन हिंसा में मारे गए या घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आप एक मुख्यमंत्री हैं, आपको सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। किसी एक पक्ष को तरजीह देना आपके पद की गरिमा को ठेस पहुंचाता है।
वाघमारे ने कहा कि देश में लाखों एकड़ वक्फ की ज़मीनें खाली पड़ी हैं, जिनमें कई हिंदू और मुस्लिम समुदाय की ज़मीनें शामिल हैं, कुछ दान में दी गई हैं। ऐसी ज़मीनों का सदुपयोग अस्पताल, स्कूल या सामाजिक कार्यों के लिए होना चाहिए। लेकिन इन मुद्दों को लेकर जब जनता आवाज़ उठाती है, तो उनके विरोध को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया जाता है, जो जायज नहीं है।
इंडिया गठबंधन पर जुबानी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह गठबंधन अब नाम मात्र का रह गया है। लेकिन, गठबंधन में शामिल कुछ पार्टियां अभी भी मुस्लिम वोट बैंक को साधने की राजनीति कर रही हैं। कुछ राजनीतिक दल सिर्फ एक समुदाय के वोट के लिए अपने सारे सिद्धांत ताक पर रख देते हैं। यही वजह है कि आज देश में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर मुख्यमंत्री एक समुदाय से मिलते हैं, तो उन्हें उन लोगों से भी मिलना चाहिए, जिन्होंने अपनों को खोया है। एकतरफा राजनीति देश को बांटने का काम करती है।
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