आम आदमी पार्टी (आप) के गुजरात सह प्रभारी दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर गुजरात में ‘आप’ की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर उनके घर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी कराने का आरोप लगाया, “ताकि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को डराया जा सके”।
दुर्गेश पाठक ने बताया कि गुरुवार सुबह सीबीआई की एक टीम उनके घर पहुंची और करीब तीन-चार घंटे तक छानबीन करती रही। उन्होंने कहा, “सीबीआई ने मेरे बेड, अलमारी और हर कोने को खंगाला, लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला। वे मेरे घर से केवल 15-20 आधार कार्ड की फोटो कॉपी लेकर गए, जो मुझसे मिलने आए लोग छोड़ गए थे।”
आप नेता ने कहा कि सीबीआई ने न तो छापे की कोई वजह बताई और न ही उन्हें कोई जानकारी दी गई। उन्होंने कहा, “सीबीआई ने सिर्फ एक डॉक्यूमेंट दिखाया, जो सर्च वारंट था। उन्होंने मुझसे कुछ नहीं पूछा, बस तलाशी ली और चले गए।”
‘आप’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने भी केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि भाजपा लोकतंत्र को खत्म करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा, “गुजरात में जब ‘आप’ ने पांच विधायक जिताए और 41 लाख से ज्यादा वोट मिले, तभी से केंद्र सरकार हमारी पार्टी को डराने और खत्म करने की कोशिश कर रही है।”
दुर्गेश पाठक ने कहा कि वह एक जिम्मेदार नागरिक हैं और किसी भी जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया, “मुझे डराने की कोशिश हो रही है, लेकिन मैं डरूंगा नहीं। जो भी जानकारी मांगी जाएगी, मैं दूंगा और जांच में पूरा सहयोग करूंगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का यही तरीका है – विपक्ष के नेताओं को जेल भेजना, उनके संसाधन खत्म करना और कार्यकर्ताओं को तोड़ना। उन्होंने कहा, “अगर विपक्ष को खत्म करने की यह योजना है तो यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है।”
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